top-news

DU ने रद्द किया राज्यसभा सांसद मनोज झा का 4 सितंबर को होने वाला लेक्चर

नई दिल्ली राज्यसभा सांसद व दिल्ली विश्वविद्यालय के सामाजिक कार्य विभाग से जुड़े प्रो. मनोज झा का लेक्चर रद्द कर...

जाने कब है जन्माष्टमी, गणेश चतुर्थी, हरतालिका तीज, विश्वकर्मा पूजा और पितृपक्ष प्रारंभ? देखें सितंबर 2023 के व्रत-त्योहार

सितंबर 2023 का महीना शुरू होने में बस कुछ दिन बचे हैं. 1 सितंबर से हिंदी कैलेंडर का भाद्रपद माह...

सीबीआइ ने अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति घोटाले में दर्ज किया केस, 830 फर्जी संस्थानों के इस योजना का लाभ लेने का आरोप

नई दिल्ली सीबीआइ ने अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति घोटाले में केस दर्ज किया है जिसमें 830 फर्जी संस्थानों के इस योजना का...

जरूरतमंदों को पक्के आवास की सुविधा उपलब्धल कराएं : योगी आदित्यनाथ

लखनऊ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने  अधिकारियों को निर्देश दिया कि जिन जरूरतमंदों को अभी तक पक्का मकान...

जल संसाधन मंत्री सिलावट ने बहनों को दी रक्षा-बंधन की शुभकामनाएँ

भोपाल जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने प्रदेश की सभी बहनों को रक्षा-बंधन की हार्दिक शुभकामनाएँ दी हैं। शुभकामना संदेश...

‘वो खतरे की घंटी बजा अंदर घुसे जा रहे, आप हाथ जोड़े खड़े’, चीनी नक्शा विवाद में PM मोदी पर भड़के ओवैसी

 नई दिल्ली ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने चीनी नक्शे विवाद...

सिक्किम में भाजपा अगर अकेले चुनाव लड़ती है तो 500 वोट भी नहीं मिलेंगे : वाई टी लेप्चा

गंगटोक सिक्किम में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में, सत्तारूढ़ सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (एसकेएम) के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन...

नीरज चोपड़ा की तरह बनें; दिल जीतें, चालान न कटवाएं : दिल्ली पुलिस ने सड़क सुरक्षा पर कहा

नई दिल्ली दिल्ली पुलिस ने सड़क सुरक्षा एवं यातायात नियमों के पालन को लेकर जागरूकता पैदा करने के लिए विश्व...

You may have missed

” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।