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भ्रष्टाचार के ‘पंजे’ को तिजोरी पर हाथ मत लगाने देना: मोदी

बैतूल/भोपाल मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव का प्रचार अंतिम चरण में है। कल शाम पांच बजे प्रचार थम जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी...

हमास का नया ऑफर … 5 दिन का युद्धविराम अगर करे इजरायल तो हम छोड़ देंगे 70 बंधक

तेल अवीव फिलिस्तीनी समूह हमास की सशस्त्र शाखा ने कहा कि ग्रुप पांच दिन के संघर्ष विराम के बदले में...

म्यामांर में एयरस्ट्राइक, भारतीय सीमा में घुसे 2000 नागरिक, मिलिशिया ग्रुप PDF से छिड़ी सेना की जंग

चम्फाई भारत-म्यांमार सीमा से लगे सीमावर्ती इलाकों में म्यांमार सेना के ताजा हवाई हमले के बाद लगभग 2000 लोग मिजोरम...

कांग्रेस मतलब ’तीन तिगाड़ा काम बिगाड़ा’ – अमित शाह

राघौगढ़/चंदेरी. कांग्रेस का मतलब तीन तिगाड़ा काम बिगाड़ा। करप्शननाथ, कमलनाथ, बंटाढार दिग्विजय सिंह और सोनिया गांधी। कमलनाथ नकुलनाथ को सीएम...

12 एकड़ में फैले कचरे को एक माह बाद भी नहीं सुखा पाई कंपनी

खंडवा संत रैदास वार्ड में करीब 12 एकड़ क्षेत्र में फैले ट्रेंचिंग ग्राउंड में कचरे के ढेरों को खत्म करने...

लोकसभा चुनाव: अल्पसंख्यकों से जुड़ने के लिए BJP ने खोलेगी मोर्चा, दिसंबर में शुरू करेगी सद्भावना यात्रा

नई दिल्ली लोकसभा चुनाव से पहले अल्पसंख्यक समुदायों तक पहुंचने के लिए भारतीय जनता पार्टी देश भर में 'सद्भावना यात्रा'...

इंदौर में आज प्रधानमंत्री का रोड शो, प्रचार के अंतिम दौर में भाजपा ने झोंकी ताकत

इंदौर. मध्यप्रदेश में 17 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए प्रचार चरम पर पहुंचने के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र...

2030 तक भारत की जीडीपी 6 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगी: रिसर्च

नईदिल्ली स्टैंडर्ड चार्टर्ड की भारतीय अनुसंधान टीम ने भारत की अर्थव्यवस्था के लिए एक परिवर्तनकारी विकास प्रक्षेपवक्र का अनुमान लगाया...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।