featured

राजस्थान में विधानसभा चुनाव की तारीख बदली, अब 25 नवंबर को होगा मतदान

 जयपुर .  राजस्थान विधानसभा चुनावों को लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है. चुनाव आयोग ने राजस्थान में चुनाव की तारीख...

‘लास्ट’ में ‘फास्ट’ होने के चक्कर में ‘कास्ट’ की बात कर रही कांग्रेस, इसी से होगी उसकी मानसिकता ‘ब्लास्ट’ – डॉ. नरोत्तम मिश्रा

भोपाल. राहुल गांधी इन दिनों जहां भी जा रहे हैं, जातिगत जनगणना की बात कर रहे हैं। आश्चर्य की बात...

‘लास्ट’ में ‘फास्ट’ होने के चक्कर में ‘कास्ट’ की बात कर रही कांग्रेस, इसी से होगी उसकी मानसिकता ‘ब्लास्ट’ – डॉ. नरोत्तम मिश्रा

भोपाल. राहुल गांधी इन दिनों जहां भी जा रहे हैं, जातिगत जनगणना की बात कर रहे हैं। आश्चर्य की बात...

अमेरिकी गोला-बारूद से लैस प्लेन और गेराल्ड आर फोर्ड युद्धपोत पहुंचा इजरायल के करीब

तेल अवीव इजरायल और हमास के बीच अब जंग और तेज होने वाली है. क्योंकि इजरायल को अमेरिका का ना...

‘मैं गेड़ी भी चढूंगा, गिल्ली डंडा भी खेलूंगा, कैंडी क्रश भी मेरा फेवरेट, जारी रहेगा’

 रायपुर  छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भाजपा के उन दावों पर जवाब दिया है, जिसमें कहा गया था कि...

पीएम मोदी इजरायल के साथ खुलकर आए, हुई कांग्रेस खफा, जानें क्या कह रहे डिप्लोमैट्स

नई दिल्ली. शनिवार तड़के जब हमास ने इजरायल पर हमला किया तब इसके कुछ घंटों बाद ही प्रधानमंत्री मोदी ने...

हारे-थके लोगों पर बीजेपी लगा रही दांव, कोई नया चेहरा नहीं : भूपेश

रायपुर. बीजेपी की दूसरी लिस्ट में दो सांसदों और एक केंद्रीय राज्य मंत्री रेणुका सिंह को टिकट दिए जाने पर...

पाक में भारत के मोस्ट वांटेड आतंकी राशिद लतीफ की गोली मारकर हत्या, पठानकोट हमले का था मास्टरमाइंड

पाक में भारत के मोस्ट वांटेड आतंकी राशिद लतीफ की गोली मारकर हत्या, पठानकोट हमले का था मास्टरमाइंड पठानकोट हमले...

मणिपुर से भी छोटा है इजरायल, 6 दिन में ही 8 इस्लामिक देशों को चटाई थी धूल!

तेलअवीव पड़ोसी खुशहाल होना चाहिए, अगर पड़ोसी गलत है तो फिर हमेशा तनाव की स्थिति बनी रहती है. कुछ ऐसा...

You may have missed

” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।