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राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए 2605 उम्मीदवारों ने किए नामांकन पत्र दाखिल

जयपुर  राजस्थान में आगामी 25 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव में राज्य के सभी दो सौ विधानसभा क्षेत्रों के...

कांग्रेस अकबर को महान मानती है, भाजपा महाराणा प्रताप को : CM योगी

शाजापुर/देवास उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंगलवार को मध्य प्रदेश के चुनावी दौरे पर रहे। इस दौरान उन्होंने कहा...

स्कूलों में फ्री सैनेटरी नैपकिन बांटने की नीति तैयार, कोर्ट ने कहा- राष्ट्रीय मॉडल सुनिश्चित करें सरकार

नई दिल्ली सरकारी स्कूलों में सैनेटरी नैपकिन बांटने और उसके निस्तारण के बारे में राष्ट्रीय नीति का मसौदा तैयार हो...

भारत की ‘प्रलय’ बैलिस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण, 500 किलोमीटर तक की रैंज में कर देगी दुश्मन का खात्मा

बालासोर भारत ने मंगलवार को ओडिशा तट के अब्दुल कलाम द्वीप से सतह से सतह पर मार करने वाली कम...

BJP ने कसा तंज- ‘प्रदूषण पर SC का फैसला केजरीवाल के मुंह पर तमाचा, दिल्ली को गैस चैंबर बनाने के लिए मांगें माफी’

नई दिल्ली सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को प्रदूषण पर अपना निर्देश पारित किया। इस निर्देश को लेकर भाजपा ने मंगलवार...

कनाडा में सिख फॉर जस्टिस पर बैन लगाने की मांग, PM जस्टिन ट्रूडो को लिखा गया भावुक पत्र

सरे प्रसिद्ध मीडिया संगठन रेडियो इंडिया (सरे) के प्रबंध निदेशक मनिंदर सिंह गिल ने कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को...

आज से बुकिंग शुरू- दिवाली से होली तक, जब मर्जी हवाई सफर करें, ₹1999 में मिल रहा मौका

नई दिल्ली अगर आप त्योहारी सीजन में अपने घर या कहीं घूमने-फिरने की योजना बना रहे हैं तो आपके लिए...

दिल्ली में ऑड-ईवन पर संशय, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अध्ययन के बाद लेंगे फैसला: गोपाल राय

नई दिल्ली दिल्ली में ऑड-ईवन लागू करने पर अभी संशय है। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने मंगलवार को कहा कि...

अमरनाथ गुफा तक बनी रोड तो केंद्र पर भड़की महबूबा की पार्टी, हिंदुओं के साथ अन्याय

श्रीनगर जम्मू-कश्मीर में अमरनाथ गुफा तक अब कुछ ही समय में वाहनों की सुविधा भी उपलब्ध हो जाएगी। बॉर्डर रोड...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।