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मोदी जी के नेतृत्व में भाजपा सरकार ने मध्यप्रदेश को बीमारू से बेमिसाल राज्य बनाया – भूपेंद्र पटेल

रतलाम. भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में मध्यप्रदेश को  बीमारू राज्य...

कांग्रेस अकबर महान पढ़ाती थी, भाजपा छत्रपति शिवाजी व महाराणा प्रताप महान पढ़ाती है – योगी आदित्यनाथ

भारतीय जनता पार्टी जनता के संकट की साथी है कांग्रेस का नाम ही समस्या, उग्रवाद, नक्सलवाद और भ्रष्टाचार के लिए...

कांग्रेस अपनी नाकामियां दूसरे राज्यों की सरकारों पर डालने का काम करती हैं : सीएम शिवराज

भोपाल मध्य प्रदेश में नई विधानसभा के गठन के लिए आज से ठीक 10वें दिन चुनाव होने हैं। प्रदेश में...

प्रदेश के प्रचार मैदान में 17 दलों के 550 स्टार प्रचारक उतरे

भोपाल. भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस समाजवादी पार्टी इस बार जया बच्चन, स्मृति ईरानी, राज बब्बर, मनोज तिवारी जैसे फिल्मी सितारों...

भाजपा के पक्ष में मतदान कर कांग्रेस को लॉक करके चाबी बेतबा में फेंक दें : सिंधिया

ग्वालियर जब 2018 में कांग्रेस सत्ता में आई थी तो कांग्रेस सरकार ने संबल योजना, कन्यादान योजना व 51 सामाजिक...

गरीबों को लुटने से बचाया, सुविधाएं दी इसलिए एमपी के मन में है मोदी

दलितों, आदिवासियों से नफरत करती है कांग्रेस हर वंचित परिवार कह रहा-फिर एक बार भाजपा सरकार सीधी यहां के लोग...

कमलनाथ ने भ्रष्टाचार ही भ्रष्टाचार किया – जेपी नड्डा

कांग्रेस का मतलब लूट, धोखा और छलावा भाजपा जहां होगी वहां विकास ही विकास होगा मध्यप्रदेश में अंधेरे से उजाला...

योगी आदित्यनाथ बोले – परिवार से मुक्त नहीं हो सकती कांग्रेस यह और समस्या एक साथ

देवास. उत्तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ विधानसभा चुनाव के चलते देवास के खातेगांव पहुंचे। जहां उन्होंने भाजपा प्रत्याशी आशीष...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।