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दमोह में बोले PM मोदी – रिमोट से चलते हैं कांग्रेस अध्यक्ष, सनातन धर्म को गाली देते हैं

दमोह मध्य प्रदेश में 17 नवंबर को चुनाव होने हैं। उससे पहले राज्य के दमोह जिले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी...

कांग्रेस गरीबी खत्म नहीं कर पाई क्योंकि उसके नेताओं की नीयत ठीक नहीं: मोदी

भोपाल/दमोह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को चुनाव प्रचार के लिए दमोह में हैं।  34 वर्षों बाद यह पहला मौका है...

प्रदेश की 1.31 करोड़ लाड़ली बहनों के खातों में दिवाली से पहले भेजे गए 1250 रुपए

भोपाल मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना की करोड़ों लाड़ली बहनों के लिए खुशखबरी है। राज्य सरकार ने दिवाली और मप्र विधानसभा...

राष्ट्रीय महिला आयोग ने नीतीश कुमार से ‘आपत्तिजनक’ टिप्पणी के लिए देश की महिलाओं से माफी मांगने को कहा

पटना/नईदिल्ली  राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने नीतीश कुमार के बयान पर कड़ी आपत्ति जताई है। NCW ने मंगलवार को बिहार...

दिल्ली में आउट ऑफ कंट्रोल प्रदूषण ! पलूशन नापने में अब मशीन भी फेल

नई दिल्ली बाकि दुनिया का तो आइडिया नहीं लेकिन दिल्ली में फॉग नहीं स्मॉग चल रहा है। इन दिनों दिल्ली...

जनवरी 2024 तक तैयार हो जाएगी राम मंदिर की पहली मंजिल: समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा

अयोध्या (यूपी) राम मंदिर की पहली मंजिल का उद्घाटन भी अगले साल 22 जनवरी तक होने की उम्‍मीद है, जब...

भारत ने थाइलैंड को दुनिया की सबसे तेज ब्रह्मोस मिसाइल का दिया ऑफर

बैंकाक चीन की दादागिरी से जूझ रहे आसियान के एक और सदस्‍य देश थाइलैंड ने भारत की सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल...

मैक्सवेल से हारी अफगान टीम, ऐतिहासिक 201 रनों की पारी याद रखी जाएगी

मुंबई ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज ऑलराउंडर ग्लेन मैक्सवेल ने एक सुपर हीरो की तरह अफगानिस्तान के जबड़े से जीत छीन ली....

गाजा में युद्ध केवल ‘‘थोड़े-थोड़े समय के लिए रोका’’ जा सकता है, संघर्ष विराम नहीं होगा: नेतन्याहू

वाशिंगटन  गाजा में जारी युद्ध को ‘‘मानवीय आधार पर थोड़े समय के लिए रोके जाने’’ को लेकर अमेरिका के बढ़ते...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।