featured

सुब्रत रॉय के निधन के बाद भी क्या निवेशकों को वापस मिलेगा उनका पैसा

मुंबई सहारा इंडिया परिवार के मुखिया सहाराश्री सुब्रत रॉय के निधन के साथ क्या निवेशकों का पैसा डूब जाएगा? अब सहारा के...

कप्तान रोहित सेमीफाइनल में करेंगे बदलाव? ये हो सकती है भारत-न्यूजीलैंड की प्लेइंग 11

मुंबई टीम इंडिया क्रिकेट वर्ल्ड कप 2023 में आज (15 नवंबर) न्यूजीलैंड के खिलाफ सेमीफाइनल मैच खेलने उतरेगी. यह मैच मुंबई...

भाईदूज के दी पीएम मोदी का किसानों को तोहफा, आज जारी होगी 15वीं किस्त

नई दिल्ली पीएम किसान की 15वीं किस्त 15 नवंबर को किसानों के खाते में आ जाएगी। पीएम नरेंद्र मोदी बुधवार...

सहारा ग्रुप के मुखिया सुब्रत रॉय का निधन, लम्बे समय से थे बीमार

लखनऊ सहारा ग्रुप (Sahara grup) के संस्थापक सुब्रत रॉय (Subrata Roy) सहारा का लम्बी बीमारी के बाद मंगलवार को निधन...

विश्वकप सेमीफाइनल में न्‍यूजीलैंड को सता रही टीम इंडिया से हार की चिंता, यह है कारण

मुंबई वर्ल्‍डकप 2023 (World Cup 2023) अब अंतिम पड़ाव की ओर बढ़ रहा है. पहला सेमीफाइनल मुकाबला (1st Semifinal) बुधवार,...

सेमीफाइनल में टीम इंडिया के सामने होगी न्यूजीलैंड की तगड़ी चुनौती, आईसीसी टूर्नामेंट में कीवियों का पलड़ा रहा है भारी

मुंबई आईसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप 2023 के सेमीफाइनल में बुधवार को टीम इंडिया का मुकाबला न्यूजीलैंड से होगा। इंडिया वर्सेस...

गोरखा भारतीय सेना का बीता हुआ दौर बने ! रेजीमेंट में नहीं एक भी नेपाली सैनिक, जानें क्‍या है वजह

काठमांडू पाकिस्‍तान के छक्‍के छुड़ाने वाले भारत के पहले फील्‍ड मार्शल सैम मानेकशॉ हों या फिर चीन-पाकिस्‍तान को हर बार...

महिलाएं बचा रहीं पुरुषों की जान, अंगदान करने में मामले में सबसे आगे

नईदिल्ली आपने कई बार खबरों में सुना होगा कि बेटी ने अपनी किडनी डोनेट कर बचाई पिता की जिंदगी, ऐसी...

गेंदबाजों के लिए ‘कब्रगाह’ वानखेड़े की पिच पर कैसे जलवा बिखेरेंगे भारतीय?

मुंबई: भारत के गेंदबाजी कोच पारस म्हाम्ब्रे ने विश्व कप में शानदार प्रदर्शन के लिए गेंदबाजों की सराहना करते हुए...

एक्स पर बघेल ने दिया पीएम को दिया जवाब

रायपुर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि आप (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी) जिम्मेदारी...

You may have missed

” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।