featured

मुख्यमंत्री ने किया आदिवासी विश्राम भवन का लोकार्पण

सुकमा प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज कोंडागांव में आदिवासी विश्राम भवन का लोकार्पण किया। इस आदिवासी विश्राम भवन...

सुकमा वो जगह थी जहां लोग दिन में भी दरभाघाटी क्रोस करके आने से डरते थे, आज रात को भी मोटरसाइकिल से आते जाते हैं: सीएम बघेल

सुकमा सुकमा जिले के छिंदगढ़ में आयोजित आमसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि पहले यहां...

मुख्यमंत्री ने सुकमा जिले को 273.28 करोड़ के 137 विकास कार्यों की दी सौगात

सुकमा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कल रविवार को सुकमा जिले के छिंदगढ़ में आयोजित कार्यक्रम में 273.28 करोड़ रुपए की...

राहुल गांधी पहुंचे रायपुर, शामिल होंगे आवास न्याय सम्मेलन में

रायपुर छत्तीसगढ़ ग्रामीण आवास न्याय योजना के 30 हजार हितग्राहियों को आवास स्वीकृति पत्र और प्रधानमंत्री आवास ग्रामीण योजना के...

रायपुर में 30 सितंबर को निकलेगी झांकी, पुलिस करेगी ड्रोन से निगरानी

रायपुर. राजधानी पुलिस ने गणेश विसर्जन और झांकी को लेकर गाइडलाइन तैयार की है। किसी भी हाल में बड़े गणेशोत्सव...

पहली नवंबर से प्रति एकड़ 20 क्विंटल धान खरीदी, मंत्री परिषद की बैठक में लिए गए महत्पूर्ण निर्णय

रायपुर मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में उनके निवास कार्यालय में मंत्री परिषद की बैठक आयोजित हुई। बैठक में...

सीएम बघेल की पहल : कबीरधाम में इथेनॉल प्लांट से संवरेगा हजारों किसानों का भविष्य

रायपुर  सीएम चंपारण के सत्य में आने के बाद से ही छत्तीसगढ़ को नई पहचान मिल पाई है। आज देश-दुनिया...

CM बघेल आज छत्तीसगढ़िया ओलंपिक के समापन समारोह में होंगे शामिल

रायपुर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 27 सितम्बर को दोपहर एक बजे सरदार बलबीर सिंह जुनेजा इंडोर स्टेडियम रायपुर में आयोजित राज्य...

त्योहारों के बीच चांदी के सिक्के, मूर्तियां और पायल की बढ़ी मांग

रायपुर. प्रदेश में सराफा और इलेक्ट्रानिक्स बाजार के लिए आने वाले तीन माह चांदी काटने वाले होंगे। सराफा संस्थानों में...

सीएम बघेल आज दिल्ली में छत्तीसगढ़ निवास का करेंगे वर्चुअल उद्घाटन

रायपुर  छत्तीसगढ़वासियों का नया 'छत्तीसगढ़ निवास' तोहफ़े में होगा। नई दिल्ली द्वारका के सेक्टर 13 में बने इस नए छत्तीसगढ़...

You may have missed

” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।