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केरल पुलिस ने सांप्रदायिकता फैलाने वाले सोशल मीडिया खातों पर दर्ज किए 54 मामले

एर्नाकुलम. केरल के एर्नाकुलम में बीते दिनों हुए एक प्रार्थना सभा में धमाके हुए थे। जिसके बाद से पुलिस मामले...

प्रदेश में विधानसभा चुनाव के चलते बढ़ी बेरोजगार युवाओं की पूछ-परख

भोपाल प्रदेश के बेरोजगार युवा रोजगार के लिए भले ही संघर्ष कर रहे हो, लेकिन चुनावी मौसम में इन दिनों...

मोदी पर आरोप लगाने वाले भाजपा में शामिल होते ही मोदी वॉशिंग पाउडर से धुलकर साफ सुथरे हो जाते हैं : भूपेश

रायपुर ईडी के आरोपों पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पलटवार करते हुए कहा कि भाजपा मुझसे सबसे ज्यादा...

अक्टूबर में बेरोज़गारी दर बढ़कर दो साल के उच्चतम स्तर 10.09 प्रतिशत पर पहुंच गई: रिपोर्ट

नईदिल्ली इसी महीने होने वाले 5 राज्यों के विधानसभा चुनावों से ठीक पहले केंद्र सरकार के लिए एक बुरी खबर...

भाजपा के नेता डरते हैं कि कही आदिवासी अंग्रेजी ना बोलने लगे इसलिए भाजपा हिंदी पढ़ो कहते हैं : राहुल गांधी

जगदलपुर। कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी आज जगदलपुर के लालबाग मैदान में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए...

धनतेरस पर खरीदने जा रहे गोल्ड तो ध्यान रखें ये 10 बातें वर्ना पड़ जाएंगे लेने के देने

नई दिल्ली अगले हफ्ते धनतेरस का त्योहार है। इस मौके पर गोल्ड खरीदना काफी   शुभ माना जाता है। इसके अलावा...

इंडिया में QR कोड और मस्जिदों से पैसा इकट्ठा कर रहा PFI, खरीदे हथियार, FATF का बड़ा खुलासा

पेरिस भारत में प्रतिबंधित एक कट्टरपंथी संगठन को लेकर FATF ने अपनी रिपोर्ट में एक खुलासा किया है। इस रिपोर्ट...

अमेरिका के मानवीय संघर्ष विराम के आग्रह को इजराइल ने खारिज किया

तेल अवीव  इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने गाजा में और मदद की आपूर्ति संभव बनाने और आम नागरिकों की रक्षा...

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी 6 नवंबर को इंदौर में, रोबोट चौराहे पर करेंगी आम सभा

इंदौर कांग्रेस नेत्री और राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा का इस चुनावी मौसम में इंदौर में पहला दौरा तय हो...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।