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चीन की ब्याजखोरी से कराह रहे पाकिस्‍तान और श्रीलंका जैसे भारत के पड़ोसी : खुलासा

बीजिंग चीन दुनिया का सबसे बड़ा कर्ज वसूलने वाला देश बन गया है। चीन का भारत के पड़ोसी देशों पाकिस्‍तान,...

‘वायु प्रदूषण से हार्ट और ब्रेन स्ट्रोक का खतरा’, दिल्ली NCR के पॉल्यूशन पर एक्सपर्ट की वॉर्निंग

नईदिल्ली   दिल्ली में साल दर साल अक्टूबर-नवंबर महीने में सांस लेना मुश्किल (Breathing Difficult) होता जा रहा है. इस साल...

भाजपा ने खोला है आदिवासी हितों के लिए खजाना :प्रधानमंत्री मोदी

सूरजपुर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सूरजपुर की धरती से सरगुजा के लोगों को गारंटी देते हुए कहा कि भाजपा ने...

यम का दीपक : धनतेरस के दिन आटे का चौमुखा दीपक बनाएं और उसमें सरसों का तेल भरें

हिंदू धर्म में दीपावली का त्योहार धनतेरस से शुरू हो जाता है। धनतेरस पर शाम के समय देवी लक्ष्मी के...

चुनावी सभा में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, कांग्रेस का नारा है जेब साफ और काम हाफ

सीधी मध्य प्रदेश के सीधी जिले में चुनावी सभा को संबोधित करने पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर हमला...

पीएम मोदी ने राहुल गांधी पर कसा तंज, ‘देश आजाद हो गया लेकिन इनका अंग्रेजी का भूत नहीं गया’

नई दिल्ली   प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने क्षेत्रीय भाषाओं और हिन्दी के साथ अंग्रेजी की वकालत करने के लिए कांग्रेस...

छत्तीसगढ़ में प्रथम चरण का मतदान शाम को 5 बजे संपन्न, 70.87 फीसदी वोटिंग

रायपुर छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 के लिए प्रथम चरण का मतदान शाम को 5 बजे संपन्न हुआ जहां 70.87 फीसदी...

भ्रष्टाचार की अम्मा, घटिया राजनीति की जन्मदाता है कांग्रेस – केशव प्रसाद मौर्य

इंदिरा गांधी और राजीव गांधी ने मंडल आयोग की रिपोर्ट का विरोध किया मोदी जी के प्रधानमंत्री बनने के बाद...

इजरायल-हमास युद्ध के एक महीने पूरे, अब तक 10 हजार मौतें, दो भागों में बंट गया गाजा

तेल अवीव पश्चिमी एशिया के बिगड़े हालातों को एक महीने पूरे हो चुके हैं। सात अक्‍टूबर को इजरायल पर हमास...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।