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पीएम मोदी की LAC के मुद्दे पर शी जिनपिंग दो टूक

जोहान्सबर्ग प्रधानमंत्री मोदी ने  दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में ब्रिक्स नेताओं के शिखर सम्मेलन से इतर चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग...

BRICS समिट के बाद ग्रीस पहुंचे पीएम, 40 साल बाद भारतीय प्रधानमंत्री का इस देश में दौरा

एथेंस  ब्रिक्स (BRICS) सम्मेलन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक दिन के दौरे पर ग्रीस पहुंचे हैं। गौरतलब है कि...

आयुर्वेद डॉक्टर आयुष विभाग की विश्वसनीयता बढ़ायें : राज्य मंत्री कावरे

आयुष कार्यशाला संपन्न भोपाल आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रामकिशोर 'नानो' कावरे ने कहा है कि आयुर्वेद डॉक्टर श्रेष्ठ कार्य...

स्नेह यात्रा में संकीर्णताओं की बाधाओं को तोड़ रही है समरसता की धारा

भोपाल स्नेह यात्रा का नवां दिन प्रदेश के सभी जिलों में स्नेह यात्रा जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है वैसे-वैसे जन-सहभागिता...

छिंदवाड़ा के जामसांवली हनुमान मंदिर में “हनुमान लोक” का निर्माण किया जाएगा – मुख्यमंत्री चौहान

पांढुर्णा प्रदेश का 55वां जिला बनेगा- मुख्यमंत्री चौहान प्रथम चरण में 26.50 एकड़ में 35 करोड़ से विकसित होगा हनुमान...

छत्तीसगढ़ के ‘महादेव ऐप घोटाला’, 5000 करोड़ का हजारों लगा डाला चूना

रायपुर देशभर में ऑनलाइन गेमिंग का क्रेज बढ़ता जा रहा है। बच्चे, युवा और बुजुर्ग लगभग सभी उम्र के लोग...

MBBS करने वाले ‘मेधावी’ विद्यार्थियों को प्रदेश में पांच साल नौकरी जरूरी

भोपाल मध्यप्रदेश में सहायता न पाने वाले निजी चिकित्सा महाविद्यालयों एवं दंत चिकित्सा महाविद्यालयों में मुख्यमंत्री मेघावी विद्यार्थी योजना से...

महापौर, अध्यक्षों और निकायों की वित्तीय शक्तियों में वृद्धि

भोपाल नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने बताया है कि महापौर, नगर निगम आयुक्त, मेयर इन काउंसिल और...

शिवराज सरकार का मंत्रिमंडल विस्तार टला, दो मंत्रियों के नाम पर नहीं बन सकी सहमति, आज फिर बैठक

भोपाल मध्यप्रदेश सरकार का मंत्रिमंडल विस्तार फिलहाल टल गया है। CM हाउस में बुधवार देर रात हुई बैठक में रीवा...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।