राष्ट्रीय

मोदी, हसीना बुधवार को सीमा पार रेल परियोजना की संयुक्त रूप से शुरुआत करेंगे

अगरतला प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनकी बांग्लादेशी समकक्ष शेख हसीना बुधवार को एक प्रमुख, सीमा पार रेलवे परियोजना की संयुक्त...

अयोध्‍या रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में नहीं आएं बुजुर्ग और बच्चे : चंपत राय

अयोध्‍या भव्‍य राम मंदिर में 22 जनवरी, 2024 को रामलला विराजमान होंगे। प्राण प्रतिष्‍ठा कार्यक्रम की तैयारियां अंतिम चरण में...

2024 में 50% हो जाएगा कर्मचारियों-पेंशनरों का महंगाई भत्ता या लागू होगा नया वेतन आयोग?

नईदिल्ली केन्द्र की मोदी सरकार ने दिवाली से पहले केंद्रीय कर्मचारियों पेंशनरों को महंगाई भत्ते, दिवाली बोनस और 3 महीने...

केरल विस्फोटों में मरने वालों की संख्या बढ़कर तीन

तिरुवंतपुरम केरल राज्य में ईसाई प्रार्थना कार्यक्रम के दौरान कम से कम तीन बम धमाकों में मरने वालों की संख्या...

भारत 2030 तक ज़ीरो-हंगर का लक्ष्य पाने से चूक जाएगा!

नई दिल्ली नीति आयोग के सदस्य रमेश चंद ने बीते गुरुवार (26 अक्टूबर) को प्रति व्यक्ति खाद्य उत्पादन में उल्लेखनीय...

‘चुनावी बॉन्ड की समीक्षा का SC को अधिकार नहीं’, अटॉर्नी जनरल ने दाखिल किया हलफनामा

नई दिल्ली राजनीतिक दलों को चंदे के लिए चुनावी बॉन्ड की याचिका पर सुनवाई से पहले अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी...

आंध्र प्रदेश रेल हादसे के बाद 33 ट्रेनें रद्द, कई ट्रेनों के रूट डायवर्ट, देखें हेल्पलाइन नंबर

विजयनगरम आंध्र प्रदेश के विजयनगरम जिले में रविवार शाम हुए रेल हादसे में अब तक 13 यात्रियों की मौत की...

श्रीलंका ने अवैध शिकार के आरोप में 37 भारतीय मछुआरों को पकड़ा

रामनाथपुरम (तमिलनाडु). श्रीलंकाई नौसेना ने अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा (आईएमबीएल) का उल्लंघन करने और गैरकानूनी तौर पर मछली पकड़ने के...

India नहीं अब ‘भारत’ पढ़िए… किताबों में बदलेगा देश का नाम, NCERT पैनल ने दी मंजूरी

नईदिल्ली विपक्षी गठबंधन द्वारा अपना नाम I.N.D.I.A. द्वारा रखे जाने के बाद इस मसले पर लगातार बहस जारी है। अब...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।