राष्ट्रीय

PM मोदी का कांग्रेस पर बड़ा आरोप- ‘सरकारी दफ्तरों में कांग्रेसियों ने बनाया घूसखोरी का नया रिकॉर्ड’

कांकेर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने छत्तीसगढ़ के कांकेर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली...

जल जीवन मिशन के तहत 70 प्रतिशत ग्रामीण घरों तक नल से पानी की आपूर्ति : आधिकारिक आंकड़ा

नई दिल्ली  केंद्र सरकार के जल जीवन मिशन के तहत ग्रामीण क्षेत्रों के 70 प्रतिशत परिवारों को नल से पानी...

IIT-BHU में छात्रा से छेड़खानी की सनसनीखेज वारदात, सड़क पर उतरे हजारों स्टूडेंट्स

वाराणसी काशी हिंदू विश्वविद्यालय आईआईटी में एक छेड़खानी का सनसनीखेज मामला सामने आया है। बुधवार की देर रात परिसर में...

मलेरकोटला में भीषण हादसा, दो कैंटरों की चपेट में आई मारुति कार, 6 लोगों की मौत

चंडीगढ़ पंजाब के मलेरकोटला में बुधवार देर रात एक भीषण सड़क हादसा हो गया है। इस हादसे में कार सवार...

अखौरा-अगरतला रेल लिंक के उद्घाटन पर बोले पीएम मोदी- ‘हमारे रिश्ते लगातार नई ऊंचाइयों को छू रहे’

नई दिल्ली पीएम नरेंद्र मोदी ने अखौरा-अगरतला रेल लिंक के उद्घाटन को ऐतिहासिक क्षण बताते हुए कहा है कि यह...

जान की दुश्मन बनी ओवरस्पीड ड्राइविंग, 75 फीसदी मौतों की वजह स्पीड लिमिट क्रॉस

नईदिल्ली देश में सड़क हादसों की वजह से लाखों लोगों की मौत होती है. इनमें ज्यादातर मौतों की वजह ओवर...

8 फीट ऊंचे सिंहासन पर विराजमान होंगे रामलला, ऐसी होगी डिजाइन

अयोध्या अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के शिलान्यास की तारीख सामने आ गई है. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के...

न्यायालय ने वायु प्रदूषण पर नियंत्रण को लेकर दिल्ली समेत पांच राज्यों से हलफनामे देने को कहा

नई दिल्ली उच्चतम न्यायालय ने  दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान की सरकारों को वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने...

अयोध्या में श्रीरामलला की मूर्ति प्राण-प्रतिष्ठा के पहले बनेगा विश्व रिकार्ड

वाराणसी अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर बन रहे भव्य व दिव्य मंदिर में श्रीराम लला की मूर्ति के प्राण-प्रतिष्ठा के...

You may have missed

” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।