राष्ट्रीय

अक्टूबर में बेरोज़गारी दर बढ़कर दो साल के उच्चतम स्तर 10.09 प्रतिशत पर पहुंच गई: रिपोर्ट

नईदिल्ली इसी महीने होने वाले 5 राज्यों के विधानसभा चुनावों से ठीक पहले केंद्र सरकार के लिए एक बुरी खबर...

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रतलाम में कांग्रेस पर जमकर बरसे PM मोदी, चल रहा कांग्रेस के दो नेताओं के बीच कपड़े फाड़ने का कॉम्पिटिशन

रतलाम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रतलाम में शनिवार को दावा किया कि अब मध्य प्रदेश में इस पर चर्चा नहीं...

कोच्चि में भारतीय नौसेना का हेलीकॉप्टर चेतक दुर्घटनाग्रस्त, दो घायल

कोच्चि भारतीय नौसेना का एक चेतक हेलीकॉप्टर शनिवार को प्रशिक्षण के दौरान आईएनएस गरुड़ के रनवे पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया,...

राम मंदिर से पहले BJD का हिंदुत्व कार्ड जगन्नाथ कॉरिडोर का उद्घाटन

भुवनेश्वर 22 जनवरी को राम मंदिर का उद्घाटन होने जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसका उद्घाटन करने वाले हैं।...

कनाडा को मोदी सरकार का सख्त संदेश- टकराव में तुम्हारा घाटा, हमारा कुछ नहीं जाता

नई दिल्ली भारत और कनाडा के बीच कई महीनों से तनाव की स्थिति कायम है। खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर...

फिर मिली मुकेश अंबानी को धमकी, 400 करोड़ रुपये की रंगादारी मांगी

मुंबई रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी को धमकी भरे एक और ईमेल मिले हैं। उनसे 400 करोड़ रुपये की...

महाठग सुकेश चंद्रशेखर अयोध्या राम मंदिर में 11 किलो सोने का मुकुट दान करना चाहता है

नई दिल्ली ठगी के आरोप में दिल्ली की जेल में बंद सुकेश चंद्रशेखर ने अयोध्या मंदिर में रामलला की मूर्ति...

छत्तीसगढ़ में बेटिंग ऐप पर बवाल: कांग्रेस ने महादेव नाम को नहीं छोड़ा; बघेल का पलटवार-आपकी क्या डील है: PM मोदी

रायपुर छत्तीसगढ़ के के लिए पीएम नरेंद्र मोदी ने शनिवार को दुर्ग जिले में चुनावी रैली को संबोधित किया। इस...

अगले 5 साल तक मिलता रहेगा गरीबों को फ्री राशन, PM मोदी ने कर दिया ऐलान

दुर्ग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज छत्तीसगढ़ के दुर्ग में चुनाव प्रचार के दौरान बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा है...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।