राष्ट्रीय

दुनिया के दस सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों में 3 भारत के, Delhi में सांस लेना भी हुआ दूभर

नई दिल्ली राजधानी दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में जहरीली हवा से लोगों का सांस लेना दूभर हो रखा...

एशिया रग्बी सेवन्स ट्रॉफी 2023 : भारत की महिला टीम ने तीसरा रजत पदक जीता

मुंबई भारतीय रग्बी महिला टीम ने एशिया रग्बी सेवन्स ट्रॉफी के पिछले तीन संस्करणों में तीसरी बार रजत पदक जीता...

जयशंकर ने इजरायली विदेश मंत्री से मानवीय कानूनों व दो राज्य समाधान के प्रति भारत की प्रतिबद्धता दोहराई

नई दिल्ली भारत ने बढ़ते इजराइल-फिलिस्तीन संघर्ष के बीच दो राज्य समाधान की वकालत करते हुए आतंकवाद का मुकाबला करने...

सब्जी बेचने वाला बना ऑनलाइन स्कैमर, 6 महीने में कमाए 21 करोड़, हुआ गिरफ्तार

नई दिल्ली क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि एक सब्जी विक्रेता विस्तृत ऑनलाइन योजनाओं के माध्यम से लोगों की...

भारत के खिलाफ कनाडाई PM ट्रूडो ने फिर उगला जहर, हिन्दुओं के स्वास्तिक चिह्न को बताया नफरत फैलाने वाला

नई दिल्ली कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो भारत विरोधी अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे। उन्होंने ताजा विवाद में...

हाइपरलूप ट्रेन की तैयारी में भारत, जानें क्या होगी इसकी रफ्तार और दूसरी खासियतें

नई दिल्ली भारत द्वारा निकट भविष्य में अत्यधिक द्रुत गति की ट्रेन के लिए हाइपरलूप प्रौद्योगिकी को अपनाने की संभावना...

मौसम विज्ञान विभाग बोला – केरल में आगामी कुछ दिनों में भारी बारिश की संभावना

तिरुवनंतपुरम. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने देश के दक्षिणी हिस्से में मौसम की मौजूदा स्थिति के मद्देनजर आगामी कुछ...

शिवसेना बोलीं – मराठाओं को आरक्षण देने के लिए दृढ़ है महाराष्ट्र सरकार

मुंबई. शिवसेना (शिंदे समूह) की प्रवक्ता ज्योति वाघमारे ने कहा कि एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार मराठाओं को...

दिल्ली में प्रदूषण के कारण प्राइमरी स्कूल 10 नवंबर तक बंद, क्लास 6 से 12वीं तक चलेंगी ऑनलाइन क्लास

नई दिल्ली दिल्ली में दिन-प्रतिदिन प्रदूषित होती हवा ने स्थिति और गंभीर बना दी है। हालात को देखते हुए हरकत...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।