राष्ट्रीय

ओम बिरला ने पी-20 सम्मेलन की दी जानकारी, कनाडा सहित 30 देशों की संसदों के प्रतिनिधि पी-20 शिखर सम्मेलन में होंगे शामिल

नई दिल्ली भारत में आयोजित होने जा रहे जी-20 देशों की संसदों के अध्यक्षों के पी-20 सम्मेलन में कनाडा सहित...

दुनिया इस समय बहुत गर्म, वैश्विक तापमान के पीछे 6 कारण, इस समय क्यों बढ़ रहा है तापमान?

मेलबर्न दुनिया इस समय बहुत गर्म है। हम न केवल रिकॉर्ड तापमान देख रहे हैं, बल्कि रिकॉर्ड बड़े अंतर से...

कैंसर से जंग लड़ रही पत्नी की वजोत सिंह सिद्धू ने शेयर की फोटो, हर तरफ हो रही चर्चा

पंजाब पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू ने कैंसर की बीमारी से जंग लड़ रही पत्नी नवजोत कौर...

SC की रेवड़ी कल्चर पर सख्ती, राजस्थान-MP को भेजा नोटिस; EC से भी मांगा जवाब

 नईदिल्ली राजस्थान और मध्य प्रदेश में अपनी-अपनी सरकार बचाने के लिए दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने घोषणाओं की झड़ी लगा...

जलियांवाला हत्याकांड का बदला लेने के लिए ब्रिटेन की रानी की हत्या की साजिश रचने के आरोप में 21 साल के सिख को 9 साल की जेल

नई दिल्ली जलियांवाला हत्याकांड का बदला लेने के लिए एक ब्रिटिश सिख को 9 साल की सजा सुनाई गई। एक...

सुनवाई के लिए नियुक्त किया साइन लैंग्वेज दुभाषिया, श्रवण-बाधित लोगों की मदद के लिए सुप्रीम कोर्ट की पहल

नई दिल्ली भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डी वाई चंद्रचूड़ ने शुक्रवार को श्रवण-बाधित वकीलों और वादकारियों को न्यायिक कार्यवाही...

बैंक मैनेजर ने किया बड़ा खेल, ग्राहकों के गहनों को नकली गहनों से बदला

वेरावल गुजरात के वेरावल शहर में फर्जीवाड़े का एक अनोखा केस सामने आया है, जिसमें एक निजी बैंक के सेल्स...

केंद्र सरकार सिक्किम के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है, आपदा प्रभावित राज्य को देगी आर्थिक सहायता

नई दिल्ली सिक्किम में बादल फटने से जमकर तबाही हुई है। तीस्ता नदी में बाढ़ आने से सेना के छह...

मुंबई की एक आवासीय इमारत में आग लगने से सात लोगों की मौत, 40 घायल

मुंबई मुंबई के गोरेगांव इलाके में शुक्रवार तड़के एक आवासीय इमारत में आग लगने से दो बच्चों समेत सात लोगों...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।