राष्ट्रीय

34 वंदे भारत देश में दौड़ रहीं लेकिन इस राज्य को अब तक नहीं मिली एक भी ट्रेन

नईदिल्ली देश में इस समय 34 वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनें चल रही हैं। 180 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से...

रामलला के प्राण-प्रतिष्ठा की तैयारी जोरों पर, अयोध्या में बनाई जा रही टेंट सिटी

अयोध्या रामनगरी में टेंट सिटी बसाए जाने का काम शुरू हो गया है। शहर की पहली टेंट सिटी ब्रह्मकुंड गुरुद्वारा...

15 नवंबर को यमुनोत्री, 14 को गंगोत्री, के कपाट होंगे बंद, बदरीनाथ पर फैसला दशहरे के बाद

देहरादून उत्तराखंड में चारधाम यात्रा (Chardham Yatra 2023) इस समय पूरे चरम पर है. जहां हर रोज एक नया रिकॉर्ड...

निठारी कांड : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आरोपी सुरेंद्र कोली और मनिंदर पंढेर बरी को निर्दोष करार दिया

इलाहाबाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नोएडा के चर्चित निठारी कांड के आरोपी सुरेंद्र कोली को दोषमुक्त कर दिया है। कई दिनों...

उत्तराखंड के पिथौरागढ़ के पास महसूस किए गए भूकंप के झटके, 4.0 थी तीव्रता

 पिथौरागढ़ उत्तराखंड में एक बार फिर से भूकंप के झटके महसूस किए गए है. नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी (NCS) से...

केदारनाथ में हुई सीजन की पहली बर्फबारी, खूबसूरत नजारा देख झूमे श्रद्धालु

रुद्रप्रयाग केदारनाथ में भक्तों की भीड़ पहुंच रही है। भक्त भगवान भोलेनाथ के दर्शन करने जा रहे हैं। अब भक्त...

ISRO प्रमुख ने मिशन को लेकर दी बड़ी अपडेट, गगनयान की पहली परीक्षण उड़ान 21 अक्टूबर को होगी

नई दिल्ली  भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) 21 अक्टूबर को गगनयान मिशन के हिस्से के रूप में पहले मानव अंतरिक्ष...

बुखार ने बरपाया कहर, तीन मौतों से गांव में खाैफ का माहौल, स्वास्थ्य विभाग पर लोगों ने लगाए आरोप

बिजनौर जिले में बुखार का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है। रोजाना बुखार जान ले रहा है। सरकारी...

100 ग्राम चांदी चुराने को लेकर राजकोट में दो कारीगरों की पीट-पीटकर हत्या, पुलिस की गिरफ्त में 9 आरोपी

राजकोट गुजरात के राजकोट शहर में चांदी के आभूषण बनाने वाले दो कारीगरों की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। चोरी...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।