राष्ट्रीय

अमित शाह आज NCEL का लोगो और वेबसाइट लॉन्च करेंगे, सहकारी निर्यात पर राष्ट्रीय संगोष्ठी को भी करेंगे संबोधित

 नई दिल्ली केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह 23 अक्टूबर को नई दिल्ली में नेशनल कोऑपरेटिव फॉर एक्सपोर्ट्स लिमिटेड...

मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट, कहा- चक्रवात ‘तेज’ भीषण चक्रवाती तूफान में बदला

 नई दिल्ली  भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा है कि अरब सागर में उठा चक्रवात ‘तेज' रविवार को बेहद...

AQI 300: दिल्ली में लगेगा प्रदूषण वाला लॉकडाउन? डराने लगा हर घंटे तेजी से बढ़ता प्रदूषण

नई दिल्ली दिवाली से पहले ही दिल्ली की हवा फिर से 'जहरीली' होने लगी है। राजधानी में बीतते हर घंटे...

पंजाब में बागेश्वर बाबा बोले – ‘विदेशी शक्तियां गुरुद्वारों मंदिरों में प्रवेश न करें, ये रघुवर का देश है बाबर का नहीं’

अमृतसर. बागेश्वर धाम (Bageshwar Dham) के पीठाधीश पं धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Dhirendra Krishna Shastri) इन दिनों पंजाब में हैं। वो...

सऊदी अरब के प्रिंस ने इजरायल को दी नसीहत, भारत की तरह बनो; हमास पर भी बरसे

नई दिल्ली गाजा में चल रहा युद्ध भयावह रूप लेता जा रहा है। इजरायली सेना ने ऐलान किया है कि...

भारत हिंदुओं का देश इसीलिए मुसलमान सबसे ज्यादा सुरक्षित : भागवत

नई दिल्ली. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत ने शनिवार को कहा कि हिंदू धर्म सभी संप्रदायों का...

प्रधानमंत्री मोदी ने देशवासियों को दुर्गा पूजा की बधाई दी

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को देशवासियों को दुर्गा पूजा की बधाई दी और इस अवसर पर सभी...

प्रधानमंत्री मोदी ने अमित शाह को जन्मदिन की बधाई दी, उन्हें उत्कृष्ट प्रशासक बताया

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को उनके जन्मदिन पर बधाई दी और...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।