राष्ट्रीय

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मांडविया ने नगालैंड के पहले मेडिकल कॉलेज का किया उद्घाटन, मिलेंगी ये खास सुविधाएं

कोहिमा  केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने शनिवार को नगालैंड के पहले मेडिकल कॉलेज नगालैंड इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड...

‘गरबो’ गाने से गूंज उठेंगे नवरात्रि पंडाल, PM मोदी के नये हुनर की मुरीद हुई जनता

नई दिल्ली नवरात्रि की शुरुआत से पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लिखे गए गरबा गीत संगीत वीडियो शनिवार को...

पति ने वापसी के लिए सरकार से मांगी मदद, इजराइल में फंसी मां… 13 साल का बेटा घर पर कर रहा इंतजार

तमिलनाडु तिरुचिरापल्ली स्थित तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय (टीएनएयू) की एक एसोसिएट प्रोफेसर दो महीने के प्रशिक्षण कार्यक्रम पर इजराइल गई थीं...

नर्सरी दाखिले में प्रतिबंध से जुड़े दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को पर ‘सुप्रीम कोर्ट हर चीज के लिए रामबाण नहीं हो सकता’

नई दिल्ली सुप्रीम कोर्ट ने नर्सरी दाखिले में बच्चों की ‘स्क्रीनिंग’ पर प्रतिबंध से जुड़े दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को...

जंग के बीच शेहला राशिद को पसंद आई कश्मीर की शांति, मोदी-शाह को दिया क्रेडिट

नई दिल्ली इजरायल और हमास में जारी युद्ध के बीच जेएनयू छात्रसंघ की पूर्व उपाध्यक्ष शेहला राशिद को जम्मू-कश्मीर की...

मैदान से पहाड़ तक बारिश और बर्फबारी का अलर्ट, इन राज्यों में ठंड देने वाली है दस्तक

नई दिल्ली दिल्ली-एनसीआर की आबोहवा एक बार फिर बिगड़ने लगी है। हर साल सांसों पर आने वाले इस संकट से...

ऑपरेशन अजय: 235 भारतीयों को इजराइल से लेकर आई दूसरी उड़ान

नई दिल्ली  ‘ऑपरेशन अजय’ के तहत इज़राइल के तेल अवीव से 235 भारतीय नागरिकों को लेकर दूसरी उड़ान शनिवार सुबह...

सायरन की आवाज से टूटी नींद, शिविरों में गुजारा वक्त’: भारतीयों की खौफनाक दास्तां

नई दिल्ली घर लौटने की खुशी और बीते कुछ दिनों से आंखों के सामने से गुजरे डरावने मंजर से सहमे...

पितृ अमावस्या पर शनिवार को लगेगा सूर्यग्रहण, रात होने के कारण भारत में नहीं दिखेगा

भोपाल  भारत में शनिवार, 14 अक्टूबर को जब आश्विन कृष्ण पक्ष (पितृपक्ष) की अमावस्या का पर्व मनाया जाएगा। इस दौरान...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।