राष्ट्रीय

केंद्र उत्तर बंगाल में बाढ़ प्रभावित लोगों के साथ भेदभाव कर रहा : ममता

कोलकाता पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार आपदा की गंभीरता और मृतकों की संख्या...

ग्रुप कैप्टन शालिजा धामी ने वायुसेना दिवस पर पहली बार संभाली परेड की कमान, जाने इनके बारे में

नई दिल्ली वायु सेना दिवस की 91वीं वर्षगांठ के अवसर पर पहली बार महिला अधिकारी ग्रुप कैप्टन शालिजा धामी ने...

असम के लिए छह नए आयुष अस्पतालों की योजना: सोनोवाल

माजुली (असम) केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि केंद्र असम में छह नए आयुष अस्पताल स्थापित करने की योजना...

चंद्र ग्रहण 2023: इस दिन लगेगा साल का आखिरी चंद्र ग्रहण, भारत में भी दिखेगा इसका असर

नई दिल्ली  वर्ष 2023 में साल का पहला चंद्र ग्रहण 5 मई वैशाख पूर्णिमा के दिन लगा था। जल्द ही...

जांच एजेंसी ने कोर्ट से कहा- ‘संजय सिंह को ED लॉकअप से कहीं और शिफ्ट करने का कोई इरादा नहीं’

नई दिल्ली  प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने  एक स्थानीय अदालत को बताया कि अब रद्द हो चुकी दिल्ली की शराब नीति...

मंत्री कटारूचक बोले- AAP सरकार अपने वादे पर खरी, पठानकोट में 50 आंगनवाड़ी वर्कर्स को मिले नियुक्ति पत्र

पंजाब  पंजाब की आम आदमी पार्टी नेतृत्व वाली सरकार में कैबिनेट मंत्री एससी कटारूचक दावा किया है कि प्रदेश सरकार...

मणिपुर में हालात सुधरने का नाम नहीं ले रहे, मंत्री के घर के बाहर ग्रेनेड हमला, CRPF जवान घायल

मणिपुर मणिपुर में हालात सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं। वहां पर लगातार हिंसा का दौर जारी है। उग्रवादी...

वायुसेना दिवस : पहली बार महिला अधिकारी के हाथ परेड की कमान, पीएम मोदी ने दी बधाई 

नई दिल्ली  ग्रुप कैप्टन शैलजा धामी आज प्रयागराज में भारतीय वायुसेना की परेड को कमांड करेंगी। पहली बार कोई महिला...

Global job scam से 1,000 से अधिक कंपनियों को 100 मिलियन डॉलर का नुकसान !

नई दिल्ली  साइबर सुरक्षा शोधकर्ताओं के अनुसार, चल रहे वैश्विक नौकरी घोटाले से दुनिया भर के 50 से अधिक देशों...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।