छत्तीसगढ़

बीजेपी विधायक बृजमोहन अग्रवाल पर हमला, कांग्रेस ने बताया ढोंग

रायपुर. रायपुर दक्षिण से सात बार के विधायक बृजमोहन अग्रवाल के ऊपर बदमाशों ने जानलेवा हमला किया। खुलेआम बदमाशों ने...

अरबों की दौलत, शाही जिंदगी; गाजा को जंग में झोंक मौज काट रहे हमास लीडर

गाजा गाजापट्टी को इजरायल के साथ युद्ध में झोंककर हमास के नेता खुद आराम की जिंदगी बिता रहे हैं। गाजा...

दिल्ली में ट्रैफिक पुलिस ने नागरिकों को धनतेरस, दिवाली पर सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने को कहा

नईदिल्ली धनतेरस और दीवाली के त्योहार और खरीदारी को लेकर 10 और 12 नवंबर को दिल्ली के प्रमुख बाजारों और...

पीसीबी ने मुख्य चयनकर्ता इंजमाम का इस्तीफा स्वीकार किया

कराची. पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) और मुख्य चयनकर्ता इंजमाम के बीच मतभेद बढ़ गए हैं और देश के क्रिकेट बोर्ड...

राजे का कांग्रेस पर हमला, बोलीं- वो विकास में राजनीति करते हैं, हम राजनीति में विकास

जयपुर/झालावाड़. पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने कहा कि कांग्रेस जनता को झूठे सपने दिखाकर सत्ता में बनी रहना चाहती है,...

हैट्रिक को बेताब कक्का, पाटन में भतीजा और जोगी बने राह का कांटा

दुर्ग. जिले की पाटन विधानसभा सीट पर मुख्यमंत्री कका व सांसद भतीजे की आमने-सामने की लड़ाई में कूदे जनता कांग्रेस...

डॉक्टर ने 600 मरीजों को लगाए नकली पेसमेकर, अब तक 200 लोगों की मौत

सैफई उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय सैफई, इटावा के डॉ. समीर सर्राफ पर घटिया पेसमेकर लगाकर करीब 600 रोगियों की जान...

You may have missed

” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।