छत्तीसगढ़

‘कांग्रेस ने मुस्लिमों से सिर्फ पंक्चर निकलवाए’, भाजपा प्रत्याशी बालमुकुंद आचार्य बोले

जयपुर. राजस्थान विधानसभा चुनाव में भाजपा के टिकट पर जयपुर की हवामहल सीट से चुनाव लड़ रहे हाथोज धाम के...

क्रोएशिया के विदेश मंत्री ने जर्मन विदेश मंत्री को जबरदस्ती किया Kiss

नई दिल्ली क्रोएशिया के विदेश मंत्री गॉर्डन ग्रलिक रेडमैन ने जर्मनी की विदेश मंत्री एनालेना बेयरबॉक को सरेआम किस करने...

योगी बोले- कांग्रेस ने नहीं बनने दिया राम मंदिर, बघेल सरकार पर लगाया घोटालों का आरोप

रायपुर. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज राजनांदगांव शहर में रोड शो किया उनके साथ पूर्व मुख्यमंत्री डां...

पाक सेना एक के बाद एक बड़े झटकों से गुजर रही, 2014 के बाद सबसे बुरा दौर

इस्‍लामाबाद  पाकिस्‍तान की सेना एक के बाद एक बड़े झटकों से गुजर रही है। मियांवाली में पाकिस्‍तान एयरफोर्स (पीएएफ) के...

देवी अहिल्या विश्वविद्यालय ने परीक्षा के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया की है।

इंदौर  राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत होने वाली स्नातक प्रथम वर्ष की पूरक परीक्षा चुनाव की वजह से दिसंबर में...

अबूझमाड़ में लोकतंत्र को घूरता लाल आतंक, बहिष्कार का फरमान और मतदान की चुनौती

नारायणपुर. चुनावी हो-हल्ले से मीलों दूर नक्सलियों के गढ़ अबूझमाड़ में अलग तरह का शोर है। मतदान बहिष्कार का फरमान...

कांग्रेस यानी कट, कमीशन और करप्शन- ज्योतिरादित्य सिंधिया

ग्वालियर कांग्रेस यानी तीन सी, कट, कमीशन और करप्शन। कांग्रेस की जहां-जहां सरकार है, वहां-वहां तीन सी यानी कट, कमीशन...

रश्मिका मंदाना का डीपफेक वीडियो वायरल पर बोले अमिताभ बच्चन…

मुंबई साउथ की पॉपुलर एक्ट्रेस रश्मिका मंदाना (Rashmika Mandanna) का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसे लेकर बॉलीवुड के...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।