छत्तीसगढ़

अनुपस्थित मतदाताओं के घर-घर जाकर 8, 9 एवं 10 नवम्बर को कराया जाएगा मतदान

मतदान दलों को दिया गया प्रशिक्षण जिला निर्वाचन अधिकारी ने मतदान दलों को मतदान की गोपनीयता के संबंध में दिए...

गुरुद्वारों को नासूर बताने वाले भाजपा नेता दायमा पार्टी से निकाले गए

जयपुर. राजस्थान विधानसभा की चुनावी सभा में गुरुद्वारों को नासूर बताने वाले भाजपा नेता संदीप दायमा को पार्टी ने निष्कासित...

CM शिवराज ने पूछा प्रियंका से सवाल, कांग्रेस ऐसा दलदल क्यों जिसमें इंडी धंसा

भोपाल  मध्य प्रदेश में चुनाव प्रचार अभियान तेजी पकड़ता जा रहा है, भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों के राष्ट्रीय स्तर...

कलेक्टर और एसपी रहे विधानसभा क्षेत्र सरदारपुर के दौरे पर

 धार कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी  प्रियंक मिश्रा और पुलिस अधीक्षक मनोज सिंह ने आज विधानसभा क्षेत्र सरदारपुर के भ्रमण...

मराठे हुए शांत तो OBC करेंगे आंदोलन! मंत्री ने बढ़ाई एकनाथ शिंदे की टेंशन

मुंबई मराठा आरक्षण के लिए चल रहा आंदोलन फिलहाल थम गया है। आंदोलन के नेता मनोज जारांगे पाटिल ने सरकार...

सीएम ने प्रियंका गांधी से पूछा, क्या कांग्रेस की सोच है कि गरीब के बच्चे भूखे मर जाएं?

भोपाल/सिंगरौली मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सिंगरौली में मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि कांग्रेस के नेता स्वसहायता समूह...

कर्जमाफी में कांग्रेस तो नौकरियों की पेशकश में BJP आगे, जानें घोषणापत्र में किसके वादे कितने बड़े

रायपुर. छत्तीसगढ़ चुनाव के लिए कांग्रेस और बीजेपी दोनों ने घोषणा पत्र जारी कर दिया है। दो चरणों में हो...

एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी जीतने पर हॉकी इंडिया ने प्रत्येक खिलाड़ी को 3 लाख रुपये देने की घोषणा

नई दिल्ली. हॉकी इंडिया ने रविवार रात झारखंड महिला एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी 2023 का खिताब जीतने पर भारतीय महिला हॉकी...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।