छत्तीसगढ़

नेतन्याहू ने नागरिकों के नुकसान के लिए हमास को बताया जिम्मेदार

जेरूसलम  इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन की टिप्पणी के जवाब में कहा कि नागरिकों...

अमेजन-माइक्रोसॉफ्ट जैसी कंपनियां सरकार को हर साल लगा रहीं तीन हजार करोड़ की चपत

नई दिल्ली  अमेजन व माइक्रोसॉफ्ट जैसी विदेशी कंपनियां अवैध तरीके से ग्राहकों के एसएमएस भेजकर केंद्र सरकार व दूरसंचार कंपनियों...

मी टू’ की शुरुआत के समय अमेरिकी फिल्म अकादमी के अध्यक्ष रहे जॉन बेली का निधन

लॉस एंजिलिस यौन उत्पीड़न के खिलाफ ‘मी टू’ आंदोलन की शुरुआत के दौरान अमेरिका स्थित ‘एकेडमी ऑफ मोशन पिक्चर आर्ट्स...

राज विस चुनाव : सिरोही जिले के शेरगांव में 4921 फीट की ऊंचाई पर पहली बार बनेगा मतदान केंद्र

जयपुर राजस्थान विधानसभा चुनाव में कोई भी मतदाता मतदान केंद्र तक पहुंच नहीं पाने के कारण मताधिकार से वंचित न...

इंडियन प्रीमियर लीग: मुंबई इंडियन्स से फिर जुड़े लसिथ मलिंगा, गेंदबाजी कोच की बड़ी जिम्मेदारी

मुंबई इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की टीम मुंबई इंडियन्स ने शुक्रवार को श्रीलंका के पूर्व दिग्गज लसिथ मलिंगा को तेज...

विशिष्ट श्रेणी के चार-पहिया वाहनों में जल्द ही आएगा टकराव की चेतावनी देने वाला फीचर

नई दिल्ली  सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (एमओआरटीएच) ने पैदल चलने वालों और साइकिल चालकों से टक्कर की आशंका को...

एलजी एनर्जी सॉल्यूशन व फोर्ड ने की ईवी बैटरी प्लांट की योजना रद्द

सियोल दक्षिण कोरिया की शीर्ष बैटरी निर्माता एलजी एनर्जी सॉल्यूशन लिमिटेड (एलजीईएस) नेकहा कि फोर्ड मोटर के साथ तुर्की में...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।