छत्तीसगढ़

राम चरण ने 12 नवंबर को ग्रैंड दिवाली पार्टी रखी, जिसमें कई साउथ फिल्म स्टार्स शामिल हुए

12 नवंबर को देशभर में दिवाली का त्योहार पूरे जोश के साथ मनाया गया। देश का कोना-कोना रोशनी में नहा...

World Cup 2023: जानिए इस बार से फाइनल-सेमीफाइनल टाई हुए तो क्या होगा, बदले सुपर ओवर के नियम

नई दिल्ली भारत की मेजबानी में आईसीसी वनडे वर्ल्ड कप 2023 खेला जा रहा है, जो हर एक मैच के...

विश्व कप के बाद सफेद गेंद क्रिकेट की कप्तानी छोड़ सकते हैं बाबर आजम

नई दिल्ली पाकिस्तान के कप्तान बाबर आजम भारत से लौटने के बाद सफेद गेंद क्रिकेट की कप्तानी से इस्तीफा दे...

आईएएसी साहित्य महोत्सव में दिखाई जाएगी भारत के स्वदेशी कोविड-19 रोधी टीके की कहानी

न्यूयॉर्क अमेरिका में इस महीने होने वाले साहित्य महोत्सव में 60 से अधिक पुरस्कार विजेता, जाने माने लेखक एवं कवि...

पेंटागन का ऐलान: ‘हिरोशिमा पर गिराए परमाणु से 24 गुना शक्तिशाली न्यूक्लियर बम बना रहा USA’

वॉशिंगटन अमेरिका ने एक नया परमाणु बम बनाने की तैयारी कर रहा है। अमेरिकी मीडिया  के अनुसार, नया बम जापान...

स्टेडियम में दस लाख से अधिक दर्शक ले चुके हैं विश्व कप का मजा

मुबंई दस लाख से अधिक क्रिकेट प्रेमी अब तक मौजूदा आईसीसी पुरुष क्रिकेट विश्व कप का स्टेडियम में बैैठ कर...

आरएफवाईएस ने बेंगलुरू सहित अन्य क्लबों के लिए तैयार किया खिलाड़ियों का मजबूत पूल: सुनील छेत्री

नई दिल्ली भारतीय फुटबॉल टीम के कप्तान सुनील छेत्री ने रिलायंस फाउंडेशन यूथ स्पोर्ट्स (आरएफवाईएस) फुटबॉल टूर्नामेंट की सराहना करते...

दुनिया की सबसे लंबे समय तक शासन करने वाली महिला प्रमुख बनी शेख हसीना

ढाका प्रसिद्ध मैगजीन टाइम ने दुनिया की सबसे लंबे समय तक शासन करने वाली महिला प्रमुख पर एक कवर स्टोरी...

राजस्थान में राहुल ने प्रचार से क्यों बनाई दूरी? हार का डर या कोई वजह

जयपुर साल 2024 से पहले पांच राज्यों के चुनावों को ‘सेमीफाइनल’ के तौर पर देखा जा रहा है। मिजरोम में...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।