छत्तीसगढ़

मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 150 सीटों पर जीत रही : राहुल गांधी

विदिशा मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में उम्मीदवारों का प्रचार करने विदिशा पहुंचे कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि...

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भाजपा प्रत्याशियों के समर्थन में विशाल चुनावी सभाओं को संबोधित कर कहा- हम डबल इंजन वो डबल मनोरंजन

भोपाल मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को भाजपा प्रत्याशियों सुवासरा, मंदसौर, सैलाना, बड़नगर, उज्जैन उत्तर, घट्टिया, उदयपुरा, शमशाबाद, गंजबासोदा,...

958 प्रत्याशी मैदान में, 236 उम्मीदवार करोड़पति; कांग्रेस में सर्वाधिक अमीर

रायपुर. छत्तीसगढ़ चुनाव के दूसरे चरण में 958 प्रत्याशी मैदान में है। इन प्रत्याशियों में 236 करोड़पति है। नामांकन पत्र...

राजनाथ सिंह ने रतलाम जिले के जावरा, सिवनी मालवा और हरदा में जनसभा को किया संबोधित कर कहा-भारत को अब कमजोर नहीं माना जाता

रतलाम/सिवनी मालवा/हरदा भारतीय जनता पार्टी विश्व की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी है। भाजपा जो कहती है, उसका पालन करती है।...

गरीबी हटाने का नारा देने वाली कांग्रेस पार्टी के शासनकाल में सिर्फ कांग्रेस नेताओं और उनके चेलों की गरीबी दूर हुई: नितिन गडकरी

 छिंदवाड़ा देश के आजाद होने के बाद 75 वर्षों में 60 वर्ष से अधिक समय तक देश में कांग्रेस पार्टी...

कमलनाथ मुख्यमंत्री रहते कभी जिलें में नहीं पहुंचे – ज्योतिरादित्य सिंधिया

भिण्ड महीने कांग्रेस की सरकार थी लेकिन क्या एक बार भी तत्कालीन मुख्यमंत्री भिंड आए ? 18 महीने बहुत लम्बा...

सीएम-वीडी से लेकर केंद्रीय मंत्रियों ने बांटी मतदाता पर्चियां

भोपाल मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा से लेकर कई केंद्रीय मंत्रियों ने मंगलवार को अलग-अलग क्षेत्रों...

पाक विचारक ने खूब सुनाया- मुसलमान और बनिये तक का DNA एक, तुर्की और अरब से हमारा क्या नाता

इस्लामाबाद देश का विभाजन हुए 75 साल से ज्यादा का वक्त बीत चुका है, लेकिन अब भी सीमा के दोनों...

स्पेनिश फुटबॉल क्लब विलारियल के कोच बने मार्सेलिनो गार्सिया टोरल

मैड्रिड. स्पेनिश फुटबॉल क्लब विलारियल ने मार्सेलिनो गार्सिया टोरल को अपना मुख्य कोच नियुक्त किया है। क्लब के साथ मार्सेलिनो...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।