छत्तीसगढ़

रचिन रविंद्र के नाम की असली कहानी आ गई सामने, पिता ने कहा- राहुल द्रविड़ और सचिन तेंदुलकर से नहीं कनेक्शन

नई दिल्ली न्यूजीलैंड के युवा क्रिकेटर रचिन रविंद्र ने वर्ल्ड कप 2023 में तहलका मचा रखा है। वह टूर्नामेंट में...

बाबर आजम को क्यों नहीं हटाना चाहिए कप्तानी से? मोहम्मद यूसुफ ने किया एक्सप्लेन

नई दिल्ली आईसीसी वर्ल्ड कप 2023 में पाकिस्तान के खराब प्रदर्शन के बाद से बाबर आजम की कप्तानी पर तलवार...

जेपी नड्डा ने जनसभाओं को किया संबोधित- कांग्रेस पार्टी भ्रष्टाचार, भाजपा विकास के लिए जानी जाती है

नरसिंहपुर/रायसेन उजाले का महत्व तब होता है, जब अंधेरे की पहचान हो। अमावस्या को देखने वाले लोग ही पूर्णमासी का...

गाजा का सबसे बड़ा अस्पताल बना कब्रिस्तान, दफनाने पड़े 179 शव; बाहर टैंक तैनात

गाजा गाजा का सबसे बड़ा अस्पताल, अल शिफा कब्रिस्तान में तब्दील हो चुका है। अब यहां पर हालात इस कदर...

क्या आप जानते हैं यशराज फिल्म्स की जासूस फिल्मों का ये कॉन्सेप्ट किसकी देन था?

मुंबई सिनेमाघर सलमान खान-कटरीना कैफ की 'टाइगर 3' की धूम से गुलजार हैं। दिवाली के मौके पर रिलीज हुई यशराज...

सीएम बघेल ने महतारी बंधन योजना पर कसा तंज, कहा- भाजपा को लोकतंत्र और प्रजातंत्र पर विश्वास नहीं है

रायपुर. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रविवार को बालोद जिले की तीनों विधानसभा क्षेत्र के दौरे पर रहे। उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशियों...

भारत में घुसे खून से लथपथ 5000 म्यांमारी, फिर कर दिया सरेंडर, आखिर क्या है माजरा?

आईजोल बड़ी संख्या में म्यांमार के निवासियों ने भारत में प्रवेश किया है। इनमें 39 म्यांमार के सैनिक भी हैं।...

गृहमंत्री अमित शाह ने मऊगंज जिले के देवतालाब में जनसभा और जबलपुर में किया रोड शो, कहा- कांग्रेस ने कमलनाथ को एटीएम बनाया

मऊगंज/जबलपुर आपका एक वोट न केवल यहां भाजपा को जिताएगा, बल्कि आपका एक वोट आने वाले दिनों में मध्यप्रदेश और...

टीएस सिंह देव बोले- कांग्रेस ने 40 लाख लोगों को पहुंचाया गरीबी रेखा से ऊपर

रामानुजगंज/रायपुर. जैसे-जैसे मतदान तिथि नजदीक आर रही है, वैसे-वैसे भाजपा और कांग्रेस अपना प्रचार अभियान करती जा रही है। दीपावली...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।