छत्तीसगढ़

रतलाम में आज ग्यारह दिन बाद खुलेंगी मंडियां, कृषि उपजों की खरीदी-बिक्री होगी शुरू

रतलाम दीपावली व चुनाव के चलते 11 दिन के अवकाश के बाद कृषि उपज मंडियां पर 20 नवंबर से खुलेगी।...

मिचेल मार्श ने तोड़ी मर्यादा की दीवार, वर्ल्ड कप ट्रॉफी पर पैर रखकर खिंचवाई फोटो, जमकर हुए ट्रोल

नई दिल्ली वर्ल्ड कप 2023 का फाइनल मुकाबला रविवार की रात को खेला गया। इसे ऑस्ट्रेलिया की टीम ने जीता।...

आठ दिनों में भी 300 करोड़ क्‍लब से पीछे रह गई ‘टाइगर 3’, रविवार को फिर गिरी कमाई

मुंबई सलमान खान, कटरीना कैफ और इमरान हाशमी स्‍टारर 'टाइगर 3' को रिलीज हुए 8 दिन बीत गए हैं। रविवार,...

IND vs AUS: वर्ल्ड कप फाइनल में हार के बाद इंडियन ड्रेसिंग रूम में गए PM नरेंद्र मोदी, ऐसे बढ़ाया हौसला

नई दिल्ली आईसीसी वर्ल्ड कप 2023 फाइनल मैच इंडिया वर्सेस ऑस्ट्रेलिया खेला गया था। 19 नवंबर 2023 की तारीख इंडियन...

प्रदेश के BJP के नेता अब राजस्थान में संभालेंगे चुनाव की बागडोर

भोपाल/जयपुर  मध्य प्रदेश भाजपा के नेता अब राजस्थान में चुनाव प्रचार की कमान संभालेंगे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान राजस्थान में...

प्रदेश कांग्रेस ने गड़बड़ी करने वाले अफसरों के नाम मांगे: प्रत्याशियों को भेजा लेटर, कहा- 30 नवंबर तक भेजें जानकारी

भोपाल मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी (Madhya Pradesh Congress Committee) विधानसभा चुनाव के दौरान संदिग्ध आचरण वाले अफसरों की कुंडली तैयार...

चमत्कार होते हैं, उन पर विश्वास न करना मुश्किल : लाबुशेन

अहमदाबाद ऑस्ट्रेलिया को रिकॉर्ड छठा विश्व कप दिलाने में अहम भूमिका निभाने वाले मार्नस लाबुशेन ने कहा कि शुरू में...

क्रिकेट वर्ल्ड कप ट्रॉफी जीतने के बाद ऑस्ट्रेलियाई कप्तान ने साबरमती रिवर क्रूज में कराया फोटो शूट

अहमदाबाद क्रिकेट वर्ल्ड कप ट्रॉफी जीतने के बाद ऑस्ट्रेलियाई टीम के कप्तान पेट कमिन्स सोमवार को दो ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों और...

टास्क की वीडियो वायरल कर लोग मन्नारा चोपड़ा को कह रहे भला बुरा

मुंबई एक्ट्रेस मन्नारा चोपड़ा, जिन्हें अपनी बहन प्रियंका और परिणीति का नाम लेना अच्छा नहीं लगता। खुद को वह बहुत...

You may have missed

” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।