छत्तीसगढ़

उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने कांग्रेस के लिए मांगे वोट, पार्टी के पक्ष में मतदान की अपील

सरगुजा/मरवाहीसीतापुर. दूसरे चरण के चुनाव प्रचार के अंतिम दिन उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने मरवाही विधानसभा से कांग्रेस प्रत्याशी के लिए...

महिला और बेटे की हत्या का आरोपी प्रेमी निकला , कुम्हारी पुलिस ने दोहरे हत्याकांड का किया पर्दाफाश

दमोह दमोह जिले के कुम्हारी थाना क्षेत्र के हाथीभार में हुई मां, बेटे की हत्या का आरोपी महिला का प्रेमी निकला।...

प्रदेश में सर्द हवाओं ने बढ़ाई सिहरन, IMD ने जारी किया अलर्ट

भोपाल सर्द हवाओं ने पूरे मध्य प्रदेश में सिहरन बढ़ा दी है। मंगलवार-बुधवार की रात सबसे कम 12.3 डिग्री सेल्सियस...

Assembly Elections के बाद ही बढ़ेगा कर्मचारियों का चार प्रतिशत महंगाई भत्ता

भोपाल  मध्‍य प्रदेश के सात लाख कर्मचारियों का चार प्रतिशत महंगाई भत्ता अब मध्‍य प्रदेश विधानसभा चुनाव के बाद ही...

प्रदेश में GPS से लैंस वाहनों से आज पोलिंग पार्टियां और EVM हुई रवाना

इंदौर /भोपाल मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार बुधवार शाम 6 बजे थम गया। गुरुवार को मतदान दल 64,523 पोलिंग...

सियासी पावर हाउस में स्पीकर, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष, मंत्रियों व जोगी परिवार की प्रतिष्ठा दांव पर

रायपुर. प्रदेश में सबसे अधिक विधानसभा सीटों वाला बिलासपुर संभाग खनन उद्योगों के साथ विद्युत उत्पादन और सियासत का भी...

तुर्किये ने इजरायल को बताया आतंकी देश, नेतन्याहू से बोले एर्दोगान- परमाणु बम पर करें खुलासा

अंकारा गाजा के अल-शिफा अस्पताल पर इजरायली सेना की कार्रवाई के बाद तुक्रिये की झल्लाहट साफ देखी जा रही है।...

किस दल की रेवड़ी में मिठास ज्यादा यह आंक रहे हैं वोटर

रायपुर. छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव का आखिरी दौर। गांवों में ग्रामीण न चेहरा देख रहे और न ही बुनियादी मुद्दे। वे...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।