छत्तीसगढ़

Amway India की बढ़ी मुश्किलें… 4050 करोड़ की धोखाधड़ी उजागर, ईडी ने कसा शिकंजा

डायरेक्ट सेलिंग फर्म एमवे इंडिया (Amway India) की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं. 4000 करोड़ रुपये से ज्यादा की...

ग्वालियर के पेट्रोल पंप से अपहरण की गई लड़की बरामद, कहानी में नया मोड़

ग्वालियर ग्वालियर के पेट्रोल पंप से दिनदहाड़े जिस लड़की का अपहरण किया गया था उसे बरामद कर लिया गया है।...

अग्नि दुर्घटना से यात्रियों के बचाव हेतु चलाया जा रहा है विशेष जागरूकता व जाँच अभियान

बिलासपुर संरक्षा एवं यात्री सुरक्षा रेलवे की सर्वोच्च प्राथमिकता है। ट्रेनों में आग लगने की घटनाएं मानव जीवन एवं रेल...

असुरक्षित बैंक ऋण पर जोखिम भार बढ़ाना सही कदम : मूडीज

असुरक्षित बैंक ऋण पर जोखिम भार बढ़ाना सही कदम : मूडीज नई दिल्ली  मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने कहा कि व्यक्तिगत...

वीर दास-एकता कपूर ने जीता एमी अवॉर्ड, बेस्ट एक्ट्रेस बनने से चूकीं शेफाली शाह

मुंबई इंटरनेशनल एमी अवॉर्ड्स 2023 में एक्टर वीर दास ने इतिहास रचा है. बेस्ट यूनीक कॉमेडी के लिए उन्हें ये...

काला सागर में डूबे तुर्किश पोत के कर्मियों की तलाश तूफान के कारण बाधित

काला सागर में डूबे तुर्किश पोत के कर्मियों की तलाश तूफान के कारण बाधित अंकारा तुर्किये के काला सागर तटीय...

पाकिस्तान उच्चतम न्यायालय एवं आईएचसी शरीफ के मामलों की सुनवाई करेंगे

इस्लामाबाद पाकिस्तान उच्चतम न्यायालय (एससी) और इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की सजा के खिलाफ अपील पर...

डंज़ो ने लागत कम करने के लिए गूगल को छोड़कर ज़ोहो कार्यस्थल में ली कर्मचारियों के लिए जगह

डंज़ो ने लागत कम करने के लिए गूगल को छोड़कर ज़ोहो कार्यस्थल में ली कर्मचारियों के लिए जगह नई दिल्ली...

बेंगलुरु में तीसरी तिमाही में कार्यस्थल को पट्टे पर लेने की मांग में 28 प्रतिशत की गिरावट:वेस्टियन

नई दिल्ली बेंगलुरु कार्यालय बाजार चालू वित्त वर्ष 2023-24 की तीसरी (जुलाई-सितंबर) तिमाही में प्रभावित हुआ। इस दौरान कार्यस्थल को...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।