छत्तीसगढ़

*देवभोग एम .मन्नू पब्लिक इंग्लिश मीडियम स्कूल ने मनाया अपना 5 वां वर्षगांठ* *मुख्य अतिथियों का एम.मन्नू पब्लिक इंग्लिश मीडियम स्कूल शालेय परिवार ने किया सम्मान*

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*ब्रेकिंग…..उरतुली घाट पुल के पास सड़क दुर्घटना में पैंथर का बच्चा घायल*

*ब्रेकिंग.....उरतुली घाट पुल के पास सड़क दुर्घटना में पैंथर का बच्चा घायल*     मैनपुर : जिले से लगभग 10...

*छात्र-छात्राओं की प्रस्तुतियों ने मन मोह लिया हिन्द इंग्लिश मीडियम स्कूल में हुआ वार्षिकोत्सव*

*छात्र-छात्राओं की प्रस्तुतियों ने मन मोह लिया हिन्द इंग्लिश मीडियम स्कूल में हुआ वार्षिकोत्सव*   रायपुर 19 फरवरी। हिन्द इंग्लिश...

*ब्रेकिंग न्यूज़ :- जंगल मे अज्ञात व्यक्ति की लाश मिलने से फैली सनसनी*

*ब्रेकिंग न्यूज़ :- जंगल मे अज्ञात व्यक्ति की लाश मिलने से ग्रामीणों में फैली सनसनी* मामला गरियाबंद जिले के मैनपुर...

*रायपुर राजधानी में डॉ.संजय जैन इंडियन वेटनरी हॉस्पिटल का शुभारंभ …* *पूरे छत्तीसगढ़ में पहली बार डॉग , कैट व अन्य एनीमल के लिए शानदार व्यवस्था…*

*रायपुर राजधानी में डॉ.संजय जैन इंडियन वेटनरी हॉस्पिटल का शुभारंभ ...* *पूरे छत्तीसगढ़ में पहली बार डॉग , कैट व...

*12 फरवरी से 25 दिवसीय सह योग शिक्षक प्रशिक्षण शिविर बेबीलोन टावर में …*

*12 फरवरी से 25 दिवसीय सह योग शिक्षक प्रशिक्षण शिविर बेबीलोन टावर में ...*     पतंजलि हरिद्वार के तत्वाधान...

*छत्तीसगढ़ के राजधानी रायपुर नगर निगम के महापौर का आर्थिक अनियमिताएं के कारनामे के बड़े खुलासे … एजाज की बड़ सकती है मुश्किलें शहर के बड़े आरटीआई एक्टिविस्ट ने कहा पढ़िए पूरी खबर …*

*छत्तीसगढ़ के राजधानी रायपुर नगर निगम के महापौर का आर्थिक अनियमिताएं के कारनामे के बड़े खुलासे ... एजाज की बड़...

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*देवभोग से फिंगेश्वर गरियाबंद तक भाजपा का सर्जिकल स्ट्राइक पार्टी से बगावत करना पड़ा भारी, 6 साल के लिए पार्टी ने निकाला*

*देवभोग से फिंगेश्वर गरियाबंद तक भाजपा का सर्जिकल स्ट्राइक पार्टी से बगावत करना पड़ा भारी, 6 साल के लिए पार्टी...

*देवभोग से फिंगेश्वर,गरियाबंद तक भाजपा का सर्जिकल स्ट्राइक, पार्टी से बगावत करना पड़ा भारी, 6 साल के लिए पार्टी ने निकाला*

*देवभोग से फिंगेश्वर,गरियाबंद तक भाजपा का सर्जिकल स्ट्राइक, पार्टी से बगावत करना पड़ा भारी, 6 साल के लिए पार्टी ने...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।