छत्तीसगढ़

देवेंद्र यादव के खिलाफ कोर्ट में 550 पन्नों का आरोप पत्र दाखिल

रायपुर बलौदाबाजार हिंसा मामले में कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव के खिलाफ पुलिस ने सीजेएम कोर्ट में 550 पन्नों का आरोप...

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात, राज्य की विकास योजनाओं और नक्सल उन्मूलन पर की चर्चा

नई दिल्ली छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने आज प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी से उनके निवास पर मुलाकात की। ...

शहर में देर रात गरबा पंडाल से लौट रहे एक दंपती से मारपीट के बाद दो पक्ष आमने-सामने हुए, 7 पर केस दर्ज

आलीराजपुर शहर में देर रात गरबा पंडाल से लौट रहे एक दंपती से मारपीट के बाद दो पक्ष आमने-सामने हो...

उचित मूल्य दुकानो से राशन की कालाबाजरी करने वाले के विरूद्ध करे कठोर कार्यवाहीःकलेक्टर

सिंगरौली उचित मूल्य की दुकानो से राशन की कालाबाजारी करने वालो के विरूद्ध कठोर कार्यवाही किया जाना सुनिश्चित किया जायें।...

ज्यादातर एग्जिट पोल्स में नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस के गठबंधन को 35 से 40 सीटें मिलने का अनुमान जताया, महबूबा पर क्यों नजरें

श्रीनगर जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के नतीजे मंगलवार को आने वाले हैं, लेकिन उससे पहले एग्जिट पोल के अनुमानों ने हलचलें...

दो अमेरिकी वैज्ञानिकों विक्टर एम्ब्रोस और गैरी रुवकुन को वर्ष 2024 का चिकित्सा के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार देने का हुआ ऐलान

स्टॉकहोम दो अमेरिकी वैज्ञानिकों विक्टर एम्ब्रोस और गैरी रुवकुन को वर्ष 2024 का चिकित्सा के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार देने...

दिव्यांग कलेक्टोरेट परिसर के बाहर बैठा आमरण अनशन पर, मांगे पूरी नहीं होने पर इच्छामृत्यु की मांग

गरियाबंद गरियाबंद के वार्ड क्रमांक 15 में रहने वाले दिव्यांग अनिल कुमार यादव ने कलेक्टोरेट परिसर के बाहर अपनी ट्रायसायकल...

शाह ने उग्रवाद से प्रभावित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों, उपमुख्यमंत्रियों व वरिष्ठ अधिकारियों के साथ की समीक्षा बैठक

रायपुर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज नई दिल्ली में वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों, उपमुख्यमंत्रियों व वरिष्ठ...

छत्तीसगढ़-दंतेवाड़ा में 12 किमी तक नदी-नाले और पहाड़ी चढ़कर पहुंचे जवान, 48 घंटे में नक्सलियों से हुआ सबसे बड़ा एनकाउंटर

दंतेवाड़ा: छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित नारायणपुर और दंतेवाड़ा जिले की सीमा में सुरक्षाबलों के लगभग 1500 जवानों ने 48 घंटे...

दुर्गा पूजा को लेकर बांग्लादेश में हिंदुओं में दहशत, बंद दरवाजों में पंडाल लगाने को मजबूर, कट्टरपंथी दे रहे धमकी

ढाका  बांग्लादेश में दुर्गा पूजा को लेकर कट्टरपंथियों की धमकी के बाद हिंदू डरे हुए हैं। इसके चलते बांग्लादेश के...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।