छत्तीसगढ़

चेहरा धोने के लिए फेसवॉश नहीं करें उबटन का इस्तेमाल, दाग-धब्बों के साथ झुर्रियां भी होंगी खत्म

 नई दिल्ली चेहरे को साफ करने के लिए हर सुबह फेसवॉश का इस्तेमाल लगभग हर कोई करता है। लेकिन किसी...

श्रृंखला जीतने पर टीम इंडिया की नजरें, युवा गेंदबाजों से बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद

रायपुर  भारतीय टीम आस्ट्रेलिया के खिलाफ आज शुक्रवार को यहां चौथे टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच में उतरेगी तो ग्लेन मैक्सवेल...

सीएनजी, इलेक्ट्रिक बस व मेट्रो चलने से सुधरेगी राजधानी की आबोहवा

भोपाल राजधानी में बीते एक महीने से लगातार चल रहे निर्माण कार्यों, जर्जर सड़कों और त्योहार में आतिशबाजी से जमकर...

‘आज से हम एक हैं’ : रणदीप हुड्डा और लैशराम ने शादी की तस्वीरें साझा कीं

'आज से हम एक हैं' : रणदीप हुड्डा और लैशराम ने शादी की तस्वीरें साझा कीं मुंबई अभिनेता रणदीप हुड्डा...

भारत जलवायु परिवर्तन से पीड़ित देशों को मुआवजे के लिए एलडीएफ का दायरा बढ़ाने की कर सकता है वकालत

दुबई भारत जलवायु परिवर्तन से प्रभावित विकासशील देशों को मुआवजा देने के लिए हानि एवं क्षति कोष (एलडीएफ) का दायरा...

जनवरी 2024 से 3 ग्रहों का राशि परिवर्तन देगा लाभ, राजा जैसा जीवन जिएंगे इस राशि के लोग

इंदौर ज्योतिषियों शास्त्र के मुताबिक, जनवरी 2024 सभी राशियों के लिए बेहद महत्वपूर्ण रहेगा। इस महीने 3 ग्रह अपनी राशि...

पांच देशों के टूर्नामेंट में हरमनप्रीत होंगे भारतीय टीम के कप्तान

पांच देशों के टूर्नामेंट में हरमनप्रीत होंगे भारतीय टीम के कप्तान नई दिल्ली  स्पेन के वालेंसिया में 15 से 22...

कजाकिस्तान के अल्माटी में छात्रावास में आग लगने से 13 लोगों की मौत

अस्ताना कजाकिस्तान के अल्माटी में  एक छात्रावास में आग लगने से तेरह लोगों की मौत हो गई। आपातकालीन विभाग ने...

एक्जिट पोल के नतीजे से भी बेहतर छत्तीसगढ़ के आयेंगे कांग्रेस के पक्ष में परिणाम : शुक्ला

रायपुर एक्जिट पोल के नतीजो से भी बेहतर छत्तीसगढ़ के चुनाव परिणाम कांग्रेस के पक्ष में आयेंगे। प्रदेश कांग्रेस संचार...

You may have missed

” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।