छत्तीसगढ़

*छ.ग. जर्नलिस्ट वेलफेयर यूनियन का पांचवा स्थापना दिवस मनाया गया*

*छ.ग. जर्नलिस्ट वेलफेयर यूनियन का पांचवा स्थापना दिवस मनाया गया*   *प्रदेश के सबसे बड़े पत्रकार यूनियन छत्तीसगढ़*   *चांपा...

*राष्ट्रीय वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप में भाग लेंगे गरियाबंद जिला देवभोग के खिलाड़ी योगानंद खरे*

*राष्ट्रीय वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप में भाग लेंगे गरियाबंद जिला देवभोग के खिलाड़ी योगानंद खरे*   देवभोग:- दिनांक 28 दिसंबर 2023 से...

*बिंद्रानवागढ़ भाजपा प्रत्याशी रहे गोवर्धन सिंह मांझी की हार के बावजूद बढ़ी लोकप्रियता,,,,,,* *कार्यकर्ता कर रहे राज्य मंत्री दर्जा देने की मांग*

*बिंद्रानवागढ़ भाजपा प्रत्याशी रहे गोवर्धन सिंह मांझी की हार के बावजूद बढ़ी लोकप्रियता,,,,,,*     *कार्यकर्ता कर रहे राज्य मंत्री...

*देवभोग के प्रसिद्ध साप्ताहिक बाजार का बदलेगा कायाकल्प* *नेशनल हाईवे बनने से पूर्व प्रशासन ने साप्ताहिक बाजार को विस्थापन करने की तैयारी,,,, पर अब तक जगह का चयन नहीं* *दावा – 4 माह के भीतर सड़क निर्माण पूरा कर देंगे*

*देवभोग के प्रसिद्ध साप्ताहिक बाजार का बदलेगा कायाकल्प*     *नेशनल हाईवे बनने से पूर्व प्रशासन ने साप्ताहिक बाजार को...

*पीएम मोदी की गारंटी और डबल इंजन की सरकार बनाने जनता ने भाजपा पर किया भरोसा – केदार कश्यप* *आभार रैली के लिए भानपुरी पहुंचे नव निर्वाचित विधायक केदार कश्यप* *मेरी जीत जनता और कार्यकर्ताओं को समर्पित- केदार कश्यप* *कार्यकर्ताओं ने रंग गुलाल खेलकर और आतिशबाजी करके मनाई खुशी*

*पीएम मोदी की गारंटी और डबल इंजन की सरकार बनाने जनता ने भाजपा पर किया भरोसा - केदार कश्यप*  ...

पीएससी व व्यापम परिक्षाओं के लिए निःशुल्क कोचिंग शुरू

रायपुर। पीएससी और व्यापम परिक्षाओं की तैयारी के लिए रायपुर में निशुल्क कोचिंग का नया बैच शुरू किया गया है।...

डॉ.डी.एस.लोकन गुरुवार को सेवानिवृत हुए, ग्रामीणों ने बैंड बाजे के साथ भावभीनी विदाई दी

धार बदनावर तहसील के अंतर्गत ग्राम काछीबड़ौदा के प्राथमिक उपस्वास्थ्य केंद्र पर ग्रामीणों को विगत 35 वर्षों से सेवा दे...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।