छत्तीसगढ़

पाकिस्तानी मौलवी दूसरे धर्म की महिलाओं को लेकर लोगों के दिमाग में जहर भर रहा

कराची  पाकिस्तान के एक मौलवी की वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से शेयर की जा रही है। वीडियो में देखा...

भोपालवासियों ने नहीं दिखाई वोटिंग में दिलचस्पी, IAS-IPS वाले इलाके में महज 57 फीसदी मतदान

भोपाल मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए 17 नवंबर को मतदान की प्रक्रिया खत्म हो गई है. अब तीन दिसंबर...

चुनाव ड्यूटी से लौट रहे कांस्टेबल की सड़क दुर्घटना में मौत

सिवनी मध्य प्रदेश के सिवनी जिले में 17 नवबंर की रात दर्दनाक हादसा हो गया. यहां मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव...

चैंपियन मुक्केबाज फ्लॉयड मेवेदर ने की भारतीय क्रिकेट टीम की सराहना, कहा-आप लोग सर्वश्रेष्ठ हैं

नई दिल्ली. पूर्व विश्व चैंपियन मुक्केबाज फ्लॉयड मेवेदर ने रविवार को विश्व कप फाइनल में पांच बार के चैंपियन ऑस्ट्रेलिया...

छत्तीसगढ़ कांग्रेस में फिर सीएम पद को लेकर सिंहदेव-भूपेश में तनातनी!

रायपुर. छत्तीसगढ़ में दूसरे और अंतिम चरण के तहत 70 सीटों पर मतदान हो रहा है। जिसके लिए सुबह से...

बांग्लादेश टेस्ट दौरे के लिए चोटिल मैट हेनरी की जगह वैगनर न्यूजीलैंड टीम में शामिल

वेलिंगटन. बाएं हाथ के तेज गेंदबाज नील वैगनर को बांग्लादेश के खिलाफ दो टेस्ट मैचों की श्रृंखला के लिए न्यूजीलैंड...

मप्र के कई शहरों का Temperature दो डिग्री तक लुढ़का, 20 नवंबर के बाद छाएंगे बादल

भोपाल मध्यप्रदेश में रात के साथ दिन में भी गुलाबी ठंड का असर है। प्रदेश के 22 शहरों में दिन...

कांग्रेस के खिलाफ SP को मिला बीजेपी का साथ! सपा प्रमुख के समर्थन में आये वरिष्ठ नेता

भोपाल समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव को भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता का साथ मिला है. बीजेपी नेता...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।