छत्तीसगढ़

श्रीलंका के मुख्य चयनकर्ता ने कहा, विश्व कप में फ्लॉप शो के लिये बाहरी साजिश जिम्मेदार

कोलंबो. मुख्य चयनकर्ता प्रमोदया विक्रमसिंघे ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि विश्व कप में श्रीलंका के खराब प्रदर्शन के पीछे...

माहिला पत्रकार से बदतमीजी के सवाल-जवाब में भड़के शांति धारीवाल

कोटा. महिला पत्रकार के साथ दुर्व्यवार कर मंत्री शांति धारीवाल सोशल मीडिया पर ट्रोल हो चुके हैं। गुरुवार को कोटा...

जिला बदर के आदेश पर विधायक प्रत्याशी को राहत, हाईकोर्ट ने 20 नवंबर तक अपील पेश करने की दी छूट

जबलपुर मप्र हाईकोर्ट ने रीवा के त्यौंथर विधानसभा सीट से विंध्य पार्टी के प्रत्याशी अरुण कुमार गौतम के खिलाफ जारी...

धनतेरस पर नमक खरीदकर पोछा लगाने से दूर होती है घर की नकारात्मक ऊर्जा और दरिद्रता

नई दिल्ली. कुछ ही दिनों में धनतेरस के साथ दिवाली 2023 का त्योहार शुरू होने वाला है। धनत्रयोदशी और धन्वंतरि...

दीदी-भइया, सियान-जवान 17 नवंबर के करें मतदान: मतदान का संकल्प और किया जलाशय में किया दीप दान

बालोद/रायपुर. जिले में मतदान का उत्सव गुरुवार को तांदुला जलाशय में मनाया गया। यह मतदान के पूर्व अंतिम जागरूकता कार्यक्रम...

पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से प्रदेश में बारिश, मौसम में घुली ठंडक

जयपुर. दीपावली से ठीक पहले राजस्थान में मौसम का मिजाज बदल गया। अब तक गर्मी का प्रकोप झेल रहे प्रदेश...

धनतेरस पर 400 रु सस्ता सोना, रिटेल बाजार में बरसेंगे 50 हजार करोड़ रुपए

भोपाल/नई दिल्ली धनतेरस पर सोने-चांदी का सामान खरीदने का मन बना रहे हैं तो बेहद शुभ दिन है। सोने-चांदी की...

ईवीएम कमीशनिंग तथा सामग्री वितरण तथा अन्य व्यवस्थाओं का कलेक्टर ने निरीक्षण कर लिया जायजा

अनूपपुर  कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी आशीष वशिष्ठ ने शासकीय पॉलीटेक्निक कॉलेज अनूपपुर में चल रहे ईवीएम कमीशनिंग कार्य का...

कांग्रेस प्रत्याशी जनक ध्रुव का मुड़ागाव में किया गया जोरदार स्वागत । भारी बहुमत से कांग्रेस को जिताने दिया समर्थन

कांग्रेस प्रत्याशी जनक ध्रुव का मुड़ागाव में किया गया जोरदार स्वागत । भारी बहुमत से कांग्रेस को जिताने दिया समर्थन...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।