छत्तीसगढ़

रामलला मंदिर उद्घाटन : से उज्जैन पहुंचा रामलला का कलश, पीले चावल देकर बाबा को दिया राम मंदिर के उद्घाटन का न्यौता

उज्जैन शिला की जगह लगा दे प्राण, बिठा दे वहां राम भगवान। सजग हो रघुवर की संतान, ठाट से कर...

हमास के लिए हथियार बनाने वाला भी ढेर; कई कमांडर मारे गए, सुरंगों में घुसकर मार रहा इजरायल

तेल अवीव हमास के खिलाफ इजरायल का ऐक्शन जारी है। खबर है कि इजरायली बलों की एयर स्ट्राइक में हमास...

चीन से मुकाबले को अडानी का सहारा लेगा अमेरिका , ग्रुप के इस प्रोजेक्ट में लगाएगा अरबों डॉलर

चीन श्रीलंका में चीन के बढ़ते प्रभाव को कम करने के लिए अब अमेरिका भी भारत के साथ रणनीति बनाने...

अचानक ही रिलीज कर दी फिल्म ‘द लेडी किलर’, डायरेक्टर ने बताई वजह

मुंबई अर्जुन कपूर और भूमि पेडनेकर की फिल्म 'दे लेडी किलर' का ट्रेलर 29 अक्टूबर को रिलीज किया गया था...

कांग्रेस ने राहुल गांधी को फ्री कर केदारनाथ भेज दिया : योगी आदित्यनाथ

कांग्रेस स्वयं में एक समस्या है कांग्रेस समस्या है भाजपा समाधान कांग्रेस मध्यप्रदेश को पहचान नहीं दे पाई भोपाल कांग्रेस...

‘धान खरीदी का पैसा बघेल सरकार देती है’ : प्रियंका गाँधी

धमतरी. धमतरी में जिले के कुरूद विधानसभा के अटल बिहारी स्टेडियम में आज कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी पहुंची...

भाजपा को EVM जिताती है, कांग्रेसियों इस हेराफेरी को रोको: दिग्विजय

ग्वालियर मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने एक बार फिर मतदान कराने के लिए इस्तेमाल होने वाली इलेक्ट्रोनिक...

निर्वाचन ड्यूटी के दौरान मृत एवं घायल कर्मचारियों को दी जा रही है अनुग्रह राशि

रायपुर भारत निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुसार निर्वाचन कार्य में नियोजित अधिकारियों, कर्मचारियों, सुरक्षाबलों आदि के निर्वाचन कर्तव्य के...

950 दिनों के बाद छिनी बाबर आजम की बादशाहत, शुभमन गिल बने नंबर-1 ODI बैटर

नई दिल्ली ICC ODI Rankings में भारतीय बल्लेबाज शुभमन गिल नंबर 1 बल्लेबाज बन गए हैं। इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल यानी...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।