छत्तीसगढ़

गाजा में युद्ध केवल ‘‘थोड़े-थोड़े समय के लिए रोका’’ जा सकता है, संघर्ष विराम नहीं होगा: नेतन्याहू

वाशिंगटन  गाजा में जारी युद्ध को ‘‘मानवीय आधार पर थोड़े समय के लिए रोके जाने’’ को लेकर अमेरिका के बढ़ते...

नक्सलियों से पानावर के पास हुई मुठभेड़, एके 47 रायफल बरामद

कांकेर बांदे थाना क्षेत्र में बीएसएफ एवं डीआरजी की संयुक्त टीम जिले में प्रथम चरण के मतदान के लिए सर्चिंग...

विश्व कप 2023 में टीम इंडिया के 2 प्‍लेयर्स में चल रहा दिलचस्‍प मुकाबला

नई दिल्‍ली वर्ल्‍डकप 2023 में भारतीय टीम (Team India) का विजय रथ सरपट दौड़ लगा रहा है. रोहित शर्मा ब्रिगेड...

टाटा ग्रुप वोल्टास को बेचने की कोशिश में, जाने क्यों करना पड़ रहा है ऐसा फैसला

मुंबई  देश का सबसे बड़ा औद्योगिक घराना टाटा ग्रुप (Tata Group) वोल्टास लिमिटेड के होम अप्लायंसेज बिजनस को बेचने की...

सप्तगिरीशंकर उल्का महासमुंद व रायगढ़ में कांग्रेसजनों से करेंगे भेंट-मुलाकात

  रायपुर। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव एवं स्टार प्रचारक व छत्तीसगढ़ प्रभारी सप्तगिरीशंकर उल्का 8 नवंबर बुधवार को...

राजस्थान में कांग्रेस निश्चित रूप से जीतेगी और हम सरकार बनाएंगे: रंधावा

जयपुर कांग्रेस नेता और राजस्थान के प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने  विश्वास जताया कि पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव में जीतकर...

केंद्र सरकार जिस पैसे को अपना कहती है वह जनता का है : प्रियंका गांधी

बालोद। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव प्रियंका गांधी ने बालोद के जुंगेरा जनसभा में केंद्र की मोदी सरकार पर...

राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए 2605 उम्मीदवारों ने किए नामांकन पत्र दाखिल

जयपुर  राजस्थान में आगामी 25 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव में राज्य के सभी दो सौ विधानसभा क्षेत्रों के...

कांग्रेस का विंध्य की सीटों पर फोकस, प्रियंका के बाद राहुल भी आएंगे सतना

सतना कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी चुनाव प्रचार करने सतना आने वाले हैं। उनके सतना आगमन के एक...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।