छत्तीसगढ़

लालू-नीतीश पर जमकर बरसे मुजफ्फरपुर में अमित शाह, अयोध्या तक का कर दिया जिक्र

 मुजफ्फरपुर  केंद्रीय गृह मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता अमित शाह  ने रविवार को बिहार के मुजफ्फरपुर के पताही एयरपोर्ट मैदान...

स्मृति ने कार्यकतार्ओं के लिए बनाया चाय, सीएम बघेल ने पूछा 900 वाले में बना रहे या 1200 वाले में

रायपुर प्रथम चरण में 20 सीटों पर हो रहे विधानसभा के लिए प्रचार - प्रसार का आज अंतिम दिन है...

विकास के लिए डबल इंजन की सरकार ज़रूरी : अश्विनी वैष्णव

भोपाल भोपाल जिले का हुजूर विधानसभा क्षेत्र विकास में अग्रणी है। यहां आधुनिक ढांचे पर विकास का मॉडल तैयार किया...

केन्द्रीय मंत्री ने जनता से मांगा आशीर्वाद, भाजपा को जिताने की अपील की

श्योपुर आदिवासी समाज के अंदर कोमलता भी है और अपने हक के लिए लड़ने की क्षमता भी है। रानी दुर्गावती,...

रिटर्निंग अधिकारियों ने मतदान दल के अधिकारी-कर्मचारियों के प्रशिक्षण कार्य का किया अवलोकन

बालोद कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी कुलदीप शर्मा के मार्गदर्शन में आज जिला मुख्यालय बालोद के स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी...

भाजपा राष्ट्रहित और कांग्रेस परिवारवाद के लिए काम कर रही : पीयूष गोयल

इंदौर मध्यप्रदेश के विधानसभा चुनाव में दो पार्टियां मैदान में हैं। भाजपा और दूसरी कांग्रेस, भाजपा राष्ट्र्र हित और कांग्रेस...

*भाजपा मंडल जवाहर नगर क्षेत्र का दौरा उत्तर भाजपा प्रत्याशी पुरंदर मिश्रा के साथ सैकड़ो कार्यकर्ता साथ रहे,,, स्थानीय निवासियों ने भी जबरदस्त समर्थन दिखाया*

*भाजपा मंडल जवाहर नगर क्षेत्र का दौरा उत्तर भाजपा प्रत्याशी पुरंदर मिश्रा के साथ सैकड़ो कार्यकर्ता साथ रहे,,, स्थानीय निवासियों...

लोधी समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने डोंगरगांव में भाजपा प्रत्याशी के समर्थन में ली चुनावी सभा

राजनांदगांव एटा उत्तरप्रदेश के विधायक एवं अखिल भारतीय लोधी - लोधा लोध महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष विपिन कुमार वर्मा डेविड...

भारतीय पुरुष जूनियर हॉकी टीम विश्व कप से पहले राष्ट्रीय शिविर में कमजोरियों पर काम करेगी

नयी दिल्ली. भारतीय जूनियर पुरुष हॉकी टीम अगले महीने होने वाले विश्व कप से पहले बेंगलुरू में राष्ट्रीय शिविर में...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।