छत्तीसगढ़

*रमेश जायसवाल भाजपा से बिलासपुर महापौर पद के प्रबल दावेदार* *महापौर के लिए रमेश जायसवाल की दावेदारी सबसे मजबूत*

*रमेश जायसवाल भाजपा से बिलासपुर महापौर पद के प्रबल दावेदार* *महापौर के लिए रमेश जायसवाल की दावेदारी सबसे मजबूत*  ...

*कांग्रेस की प्रगति वजपाई महापौर के लिए मजबूत प्रत्याशी हो सकती है … कहा पार्टी टिकट दे तो जीतकर आऊंगी …*

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*पुष्पा वाली स्टाइल से गांजा की तस्करी, शक की नहीं थी गुंजाइश, लेकिन जब ड्रम खुलवाए तो खुली रह गई आंखे*

*पुष्पा वाली स्टाइल से गांजा की तस्करी, शक की नहीं थी गुंजाइश, लेकिन जब ड्रम खुलवाए तो खुली रह गई...

*वक्ता मंच का वार्षिक समारोह:125 प्रतिभाओं का सम्मान एवं 2 काव्य संग्रहों का विमोचन*

*वक्ता मंच का वार्षिक समारोह:125 प्रतिभाओं का सम्मान एवं 2 काव्य संग्रहों का विमोचन*   रायपुर - अग्रणी सामाजिक संस्था...

*अजमेर शरीफ दरगाह के लिए मुख्यमंत्री श्री साय ने भेजी पवित्र चादर*

*अजमेर शरीफ दरगाह के लिए मुख्यमंत्री श्री साय ने भेजी पवित्र चादर*     रायपुर 5 जनवरी | सूफी संत...

*बड़ी खबर….अबूझमाड़ के जंगल में पुलिस नक्सलियों के बीच भीषण मुठभेड़ चार नक्सली मारे गए, वहीं एक जवान भी शहीद*

बड़ी खबर....अबूझमाड़ के जंगल में पुलिस नक्सलियों के बीच भीषण मुठभेड़ चार नक्सली मारे गए, वहीं एक जवान भी शहीद...

*बीजापुर में हुए पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या के विरोध में आज देवभोग पत्रकार संघो द्वारा कैंडल मार्च कर श्रद्धांजलि अर्पित किया गया*

*बीजापुर में हुए पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या के विरोध में आज देवभोग पत्रकार संघो द्वारा कैंडल मार्च कर श्रद्धांजलि...

*रायपुर राजधानी के न्यू सर्किट हाउस में नेता , पत्रकार और सीनियर सिटीजन ने कैंडल मार्च निकालकर पत्रकार मुकेश चंद्राकर को दी भावपूर्ण श्रद्धांजलि…*

*रायपुर राजधानी के न्यू सर्किट हाउस में नेता , पत्रकार और सीनियर सिटीजन ने कैंडल मार्च निकालकर पत्रकार मुकेश चंद्राकर...

*कांग्रेसी नेता रविन्द्र साहू ने सत्यनारायण शर्मा से कि मुलाकात..किया पार्षद उम्मीदवार की दावेदारी*

*कांग्रेसी नेता रविन्द्र साहू ने सत्यनारायण शर्मा से कि मुलाकात..किया पार्षद उम्मीदवार की दावेदारी*     रायपुर - रविन्द्र साहू...

*दवाई जलाने की घटना: बीजापुर में स्वास्थ्य व्यवस्था की लापरवाही पर आम आदमी पार्टी का कड़ा रुख…*

*दवाई जलाने की घटना: बीजापुर में स्वास्थ्य व्यवस्था की लापरवाही पर आम आदमी पार्टी का कड़ा रुख...*     बीजापुर,...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।