छत्तीसगढ़

वन अधिकार पट्टा देने में भूपेश सरकार देश में पहले नंबर पर: बैज

रायपुर भूपेश सरकार के प्रयासो से वन अधिनियम के अंतर्गत पट्टे वितरण में छत्तीसगढ़ देश में पहले नंबर पर है।...

डागा कालेज में नव प्रवेशित छात्राओं का स्वागत समारोह

रायपुर श्रीमती प्रमिला गोकुलदास डागा कन्या महाविद्यालय के आईक्यूएसी,राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई, यूथ रेड क्रॉस सोसाइटी और रेड रिबन क्लब...

मुख्यमंत्री ने दी पर्युषण-पर्व की शुभकामनाएं

रायपुर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेशवासियों विशेषकर जैन धर्म के अनुयायियों को पर्युषण-पर्व की शुभकामनाएं दी हैं। इस अवसर पर...

आस्था शर्मा का डीएसपी पद पर हुआ चयन, महापौर ने घर पहुंचकर दी बधाई

राजनांदगांव छत्तीसगढ़ राज्य लोक सेवा आयोग का परिणाम में राजनांदगांव से आस्था शर्मा के चयनित होने से उनके परिवार एवं...

दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में कोरोनाकाल के दौरान बंद किए गए सभी ट्रेनों का परिचालन शुरू कर दिया

बिलासपुर दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में सभी यात्री गाडियों का नियमित परिचालन अपने निर्धारित समयानुसार किया जा रहा है। कोरोनाकाल...

कांग्रेस का विधानसभावार संकल्प शिविर आज और कल

रायपुर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज, प्रभारी मंत्री गुरू रूद्रकुमार 11 सितंबर सुबह 11 बजे विधानसभा मुंगेली,...

2 हजार से अधिक आए हैं आवेदन इसलिए प्रत्याशी घोषित करने में लग रहा हैं समय: सिंहदेव

रायपुर हड़ताल पर बैठे स्वास्थ्य कर्मचारियों से कांग्रेस केंद्रीय चुनाव समिति के सदस्य और उपमुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव...

रायगढ़ महापौर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव, प्रमोद दुबे को पीसीसी ने बनाया पर्यवेक्षक

रायगढ़ रायगढ़ महापौर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आ गया है जिसे देखते हुए रायगढ़ कलेक्टर ने 15 सितंबर को सुबह...

तथ्य आधारित सामाजिक और आर्थिक विकास पर सम्मेलन 11 से 13 सितंबर तक

भोपाल. सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए प्रभावी नीतियों को आकार देने वाले महत्वपूर्ण घटकों और डेटा संग्रह की स्थिति...

जन आशीर्वाद यात्रा : डबल इंजन की सरकार पर बढ़ रहा प्रदेश के किसानों का भरोसा

आदिवासी क्षेत्र खंडवा में उमड़ा जनसैलाब, कार्यकर्ताओं का जोश चरम पर भोपाल मध्य प्रदेश में जन आशीर्वाद यात्रा का जोश...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।