छत्तीसगढ़

कल शाह का दंतेवाड़ा दौरा, परिवर्तन यात्रा को दिखाएंगे हरी झंडी, मां दंतेश्वरी के करेँगे दर्शन

दंतेवाड़ा दंतेवाड़ा जिले से 12 सितंबर को भाजपा की परिवर्तन यात्रा शुरू होगी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इस यात्रा...

छत्तीसगढ़ी ब्राह्मण समाज ने मनाया तीजा तिहार

विधायक शैलेश पांडे ने सुहागिनों का किया सम्मान जस्टिस दीपक तिवारी भी शामिल हुए बिलासपुर। बिलासपुर छत्तीसगढ़ी ब्राह्मण नारी कल्याण...

छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के लिए सैलजा को कोर कमेटी और महंत को चुनाव अभियान समिति की कमान

नई दिल्ली कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के लिए सोमवार को कोर कमेटी और चुनाव अभियान समिति सहित चार समितियों...

*भाजपा बिंद्रानवागढ कोर ग्रुप की बैठक लेने पहुँचे प्रवासी विधायक कमलाकांत हंसदा,चुनाव से पहले कार्यकर्ताओं में भरा जोश*

*रिपोर्ट:-नागेश्वर मोरे*     *भाजपा बिंद्रानवागढ कोर ग्रुप की बैठक लेने पहुँचे प्रवासी विधायक कमलाकांत हंसदा,चुनाव से पहले कार्यकर्ताओं में...

*डेंगू से बचाव के लिए पार्षद भारद्वाज ने किया दवाई का छिड़काव*

*डेंगू से बचाव के लिए पार्षद भारद्वाज ने किया दवाई का छिड़काव*     डेंगू की लगातार शिकायत को देखते...

*महादेव कावरे ‘आवास-पर्यावरण एवं वाणिज्यिक कर आबकारी’ के विशेष सचिव नियुक्ति… आवास एवं पर्यावरण तथा वाणिज्य कर आबकारी विभाग के विशेष सचिव डॉ. अंबेडकर वेलफेयर सोसाइटी ने दी बधाई और शुभकामनाएं*

*महादेव कावरे ‘आवास-पर्यावरण एवं वाणिज्यिक कर आबकारी’ के विशेष सचिव नियुक्ति…   आवास एवं पर्यावरण तथा वाणिज्य कर आबकारी विभाग...

CBSE परीक्षा के लिए कल से रजिस्ट्रेशन, 11 अक्टूबर के बाद 2000 रुपए लेट फीस

रायपुर सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (CBSE) ने परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी है। यहां कक्षा 10वीं और 12वीं...

आईटीआई में प्रशिक्षण अधिकारी के रिक्त पदों के लिए ऑनलाइन काउंसलिंग 12 से

रायपुर राज्य की शासकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थाओं में प्रशिक्षण अधिकारी के विभिन्न रिक्त पदों की पूर्ति हेतु द्वितीय चरण की...

छत्तीसगढ़ प्रदेश साहू संघ आईटी प्रकोष्ठ में 8 लोगों की नियुक्ति

रायपुर छत्तीसगढ़ प्रदेश साहू संघ (आई. टी. प्रकोष्ठ) ने अपने कार्यकारणी का विस्तार किया है। जिसमें समाज के प्रदेश स्तर...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।