छत्तीसगढ़

*वक्ता मंच की रचना पाठ स्पर्धा संपन्न:- बस्तर की यामिनी पांडे व रायपुर की ओसमणि साहू प्रथम*

*वक्ता मंच की रचना पाठ स्पर्धा संपन्न:- बस्तर की यामिनी पांडे व रायपुर की ओसमणि साहू प्रथम*   रायपुर l...

*हिन्द इंग्लिष मीडिमय स्कूल में वृक्षारोपण ‘माँ के नाम एक पेड़’ के तहत लगाये गये पौधे*

*हिन्द इंग्लिष मीडिमय स्कूल में वृक्षारोपण ‘माँ के नाम एक पेड़’ के तहत लगाये गये पौधे*     रायपुर 8...

*आहार चिकित्सा व्यंजन और सलाद डेकोरेशन प्रतियोगिता में रिंकी सेन विजेता बनी* 

*आहार चिकित्सा व्यंजन और सलाद डेकोरेशन प्रतियोगिता में रिंकी सेन विजेता बनी*     गुडविल हास्पिटल के चीफ़ डायटीशियन साक्षी...

*शाला प्रवेशोत्सव में शामिल हुए पूर्व कैबिनेट मंत्री राजेश मूणत* *खमतराई प्राथमिक शाला को लेकर की कई बड़ी घोषणाएं*

*शाला प्रवेशोत्सव में शामिल हुए पूर्व कैबिनेट मंत्री राजेश मूणत* *खमतराई प्राथमिक शाला को लेकर की कई बड़ी घोषणाएं*  ...

*डाक्टरस आन स्ट्रीट ( दोस्त ) के द्वारा डाक्टरस डे मनाया गया*

*डाक्टरस आन स्ट्रीट ( दोस्त ) के द्वारा डाक्टरस डे मनाया गया*     “डाक्टरस डे” पर डाक्टर आन स्ट्रीट...

*युवा लीडरशीप प्रोग्राम का आयोजन दोस्त और प्योर संस्था के द्वारा*

*युवा लीडरशीप प्रोग्राम का आयोजन दोस्त और प्योर संस्था के द्वारा*   आज एक निजी सेमिनार हाल में प्योर और...

*बैंक केसियर को महिला स्व: सहायता समूह के खातों से 3.73900 रुपए गबन करना पड़ा भारी,आरोपी बैंक कर्मचारी पहुंचा सलाखों के पीछे*

*बैंक केसियर को महिला स्व: सहायता समूह के खातों से 3.73900 रुपए गबन करना पड़ा भारी,आरोपी बैंक कर्मचारी पहुंचा सलाखों...

*बैंक कर्मचारी को महिला स्व: सहायता समूह के खातों से 3.73900 रुपए गबन करना पड़ा भारी,आरोपी बैंक कर्मचारी पहुंचा सलाखों के पीछे*

*बैंक कर्मचारी को महिला स्व: सहायता समूह के खातों से 3.73900 रुपए गबन करना पड़ा भारी,आरोपी बैंक कर्मचारी पहुंचा सलाखों...

*आचार संहिता खत्म होते ही एक्शन मोड में नजर आए पूर्व मंत्री राजेश मूणत* *रायपुर शहर के कई इलाकों का किया दौरा, अफसरों को व्यवस्था सुधारने दिए निर्देश*

*आचार संहिता खत्म होते ही एक्शन मोड में नजर आए पूर्व मंत्री राजेश मूणत* *रायपुर शहर के कई इलाकों का...

*गुढ़ियारी में एक करोड़ की लागत से बनेगा शासकीय महाविद्यालय* *महाविद्यालय निर्माण हेतु भूमि का किया गया चिन्हांकन* *पूर्व मंत्री राजेश मूणत की मांग पर बजट में किया गया प्रावधान*

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।