छत्तीसगढ़

उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व में बाघ नहीं होने का रिसर्चर तीव कुमार सोनी का रिसर्च सही सिद्ध |  वन विभाग के अधिकारियों ने स्वीकारा नहीं है टाईगर रिजर्व में बाघ | रिसर्चर तीव कुमार सोनी ने 29.10.2020 को भारत सरकार को भेजा था बाघ रिसर्च रिपोर्ट |

रायपुर | प्रकृति एवं संस्कृति रिसर्च के डायरेक्टर और रिसर्चर तीव कुमार सोनी ने दिनांक 29.10.2020 को भारत सरकार को...

*रायपुर ग्रामीण विधायक पहुँचे दुर्गा विहार कालोनी , किया भूमि पूजन , सुनी कालोनी वासियों की समस्याएं कहा जल्द पूरी होगी और भी समस्याएं..*.

*रायपुर ग्रामीण विधायक पहुँचे दुर्गा विहार कालोनी , किया भूमि पूजन , सुनी कालोनी वासियों की समस्याएं कहा जल्द पूरी...

रायपुर ग्रामीण विधायक पहुंचें दुर्गा विहार कालोनी, किया भूमि पूजन, सुनी कालोनी वासियों की समस्याएं, कहा – जल्द पूरी होगी और भी समस्याएं…पढ़िए पूरी खबर..

रायपुर - आज ग्रामीण विधायक मोतीलाल साहू डुंडा स्तिथ दुर्गा  विहार कालोनी पहुंचें और नए बनने वाले रोड का भूमि...

*देवभोग एसडीएम ने टीबी मरीज गिनीबाई को 3000 रुपए का सम्मान देकर निक्क्षम मित्र बनकर अभियान का किया शुभारंभ*

*देवभोग एसडीएम ने टीबी मरीज गिनीबाई को 3000 रुपए का सम्मान देकर निक्क्षम मित्र बनकर अभियान का किया शुभारंभ* टीबी...

*राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस आज से प्रारंभ, पहले ही दिन स्वास्थ्य विभाग ने विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों मे पहुंचकर कृमि नाशक दवाइयां दी गई*

*राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस आज से प्रारंभ, पहले ही दिन स्वास्थ्य विभाग ने विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों मे पहुंचकर कृमि नाशक...

*बीएसएनएल के कर्मचारी ग्राहकों को नही दे पा रहे है अच्छी सेवाएं ग्राहकों में आक्रोश*

*बीएसएनएल के कर्मचारी ग्राहकों को नही दे पा रहे है अच्छी सेवाएं ग्राहकों में आक्रोश* पढ़िए पूरी खबर ...  ...

*बच्चो के शैक्षिक स्तर बढ़ाने की गतिविधि को विनोबा ऐप में वीडियो क्लिप शेयर करने पर जिला शिक्षा अधिकारी ने नीलांबर सिन्हा एवं श्रीमती उर्मिला राठौर को किया सम्मान*

*बच्चो के शैक्षिक स्तर बढ़ाने की गतिविधि को विनोबा ऐप में वीडियो क्लिप शेयर करने पर जिला शिक्षा अधिकारी ने...

एक राष्ट्रभक्त का, मां भारती से, प्रार्थना और संवाद’- मनोज ‘मन’,

ऐ मेरे देश, भारत मां, मैं तुझको याद करता हूं,ले अपने खून से, दिल से, इसे आबाद करता हूँ। हैं...

*पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर में पिछड़ा वर्ग कर्मचारीयो के साथ वर्षों से नियुक्ति, नियमितिकरण, वरिष्ठता, पदोन्नति में हो रहे गड़बड़ी धांधली को लेकर ओबीसी महासभा ने जताया आक्रोश*

*पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर में पिछड़ा वर्ग कर्मचारीयो के साथ वर्षों से नियुक्ति, नियमितिकरण, वरिष्ठता, पदोन्नति में हो रहे...

*वक्ता मंच ने 50 बाल प्रतिभाओं को सम्मानित किया*

*वक्ता मंच ने 50 बाल प्रतिभाओं को सम्मानित किया*   रायपुर l प्रदेश की प्रतिष्ठित सामाजिक संस्था ' वक्ता मंच'...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।