छत्तीसगढ़

बाघ का सबुत पैदा करने बाहर से बाघ का मल व पंजा लाया गया गया है, उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व का है मामला – शिवशंकर सोनपिपरे एवं इतेश सोनी

बाघ का सबुत पैदा करने बाहर से बाघ का मल व पंजा लाया गया गया है, उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व...

कंडेल में कॉलेज खुलने से 10 गांव के छात्र-छात्राओं को मिलेगी राहत

गांधी विचार यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री ने की थी घोषणा, बजट में स्वीकृत होने से ग्रामीणों में खुशी फोटो-कंडेल कैप्शन-बायें...

माकपा ने पूछा – कोरोना या राम वन गमन पथ : क्या है सरकार की प्राथमिकता?

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने कोरोना वायरस से लड़ने राज्य सरकार के कदमों को अपर्याप्त बताते हुए कहा है कि आज...

निशुल्क सेैनिटायजर एवं मास्क उपलब्ध करावें-छत्तीसगढ़ सँयुक्त प्रगतिशील कर्मचारी महासंघ ने सरकार से की माँग

छत्तीसगढ़ सँयुक्त प्रगतिशील कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष बजरंग मिश्र व प्रदेश सचिव राजकुमार कुशवाहा ने विज्ञप्ति जारी कर प्रदेश...

छत्तीसगढ़ सँयुक्त प्रगतिशील कर्मचारी महासंघ ने सरकार 31 मार्च तक पेड लीव घोषित करने की माँग

छत्तीसगढ़ सँयुक्त प्रगतिशील कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष बजरंग मिश्र व प्रदेश सचिव राजकुमार कुशवाहा ने विज्ञप्ति जारी कर प्रदेश...

जनपद पंचायत धमतरी में निलंबित लेखापाल और अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी के बीच तीखी बहस

छत्तीसगढ़/धमतरी - छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले के जनपद पंचायत धमतरी में सोमवार को एक निलंबित लेखापाल और अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन...

धमतरी जिला अस्पताल के डॉक्टर पर निजी अस्पताल को फायदा पहुचाने का लगा आरोप…

धरती पर भगवान के बाद अगर भगवान का दर्जा प्राप्त है तो वह है डॉक्टर्स मगर एक बार फिर आज...

आदिवासी वनांचल क्षेत्र मैनपुर मे हो रहा है महुए का संग्रहण – इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद

इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद स्कूली बच्चे अवकाश के बाद महुए का कर रहे संग्रहण मैनपुर/इतेश सोनी:- तहसील मुख्यालय मैनपुर...

कोरोना वायरस -लक्षण एवं बचाव जिले में हेल्पलाईन नम्बर जारी टोल फ्री नंबर-104 पर संपर्क किया जा सकता है – इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद

इतेश सोनी पत्रकार जिला ब्यूरो गरियाबंद गरियाबंद - 100 से भी अधिक देशों में तेजी से महामारी की तरह फैल...

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*कृषि विभाग के बीज ग्राम योजना अंतर्गत जनप्रतिनिधियों के हाथों बीज पाकर कृषकों के खिले चेहरे* देवभोग:- केंद्र और राज्य सरकार द्वारा संचालित बीज ग्राम योजना अंतर्गत स्थानीय जनप्रतिनिधियों के हाथों बीज पाकर किसानों के चेहरों में मुस्कान देखने को मिला हैं। ज्ञात हो कि देवभोग विकासखंड अंतर्गत के सैकड़ों किसान इन दिनों ग्रीष्म कालीन धान फसल के बदले दलहन,तिलहन एवं मक्का फसल लगाने में ज्यादा रुचि ले रहे हैं। जिसका नजारा देखने को मिला देवभोग कृषि विभाग द्वारा बीज वितरण कार्यक्रम में जहां किसानों ने उन्नत किस्मों के बीज लेकर रबी फसल का कार्य शुरू कर दिया हैं। क्षेत्र के किसानों को 60 हेक्टेयर के लिए बीज प्रदाय किया गया एवं चना 100 किसानों को अब तक वितरण किया जा चुका हैं। इसी कड़ी आज देवभोग कृषि विभाग द्वारा सैकड़ों किसानों को चना,मक्का,गेहूं, मसूर एवं अन्य बीज जिला पंचायत सभापति श्रीमती धनमति यादव, जनपद पंचायत अध्यक्ष नेहा सिंघल,कृषि स्थाई समिति सभापति असलम मेमन द्वारा कृषकों को बीज वितरण किया गया। इस अवसर पर वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी जे.एन.नाग,ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी बसंत कश्यप,संतोष नेताम,ईश्वर दिवान,एवं कृषक लूदर मांझी,शत्रुघन मांझी,उग्रसेन यदु,गिरीश नागेश,हेमसिंह मरकाम,त्रिनाथ मांझी समेत सैकड़ों किसान मौजूद रहे। *क्या है बीज ग्राम योजना*:-बीज ग्राम योजना के तहत 2 से 3 तीन गांव समूहों को मिलाकर एक किसान समूह तैयार किया जाता है। यह किसान समूह 50 से 100 किसानों का होता है तथा इसके पास 0.1 हेक्टेयर भूमि में अलग-अलग फसलों के उन्नत किस्म के बीज तैयार किए जाते हैं। इस योजना के तहत किसानों को बीज बुवाई से कटाई तक आरएसएससी द्वारा प्रशिक्षण दिया जाता है। इससे किसानों के द्वारा बीज उत्पादन करके आय को बढ़ाने में मदद मिलती है। बता दें कि इस योजना का क्रियान्वयन देश भर में 2014-15 से किया जा रहा है। योजना के तहत ग्राम पंचायत स्तर पर बीज प्रसंस्करण सह बीज भंडार गोदामों की स्थापना,राष्ट्रीय बीज रिजर्व,निजी क्षेत्र में बीज उत्पादन को प्रोत्साहन और गुणवत्ता नियंत्रण अवसंरचना सुविधाओं के सुदृढ़ीकरण के माध्यम से देश में उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने को किसानों के लिए गुणवत्ता पूर्ण बीजों के उत्पादन व आपूर्ति के उद्देश्य की पूर्ति करना है। *वहीं वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी जे. एन. नाग ने कहा शासन द्वारा विभागीय संचालित योजनाओं का कृषि विभाग द्वारा कृषकों को नियमानुसार जनप्रतिनिधियों के उपस्थिति में बीज वितरण किया जा रहा हैं,आगामी रबी एवं ग्रीष्म कालीन धान फसल के बदले दलहन, तिलहन एवं मक्का फसल बोने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा हैं।*