मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ शासन के बीच पिस रहे पेंशनर्स

0
Spread the love
Spread the love

रायपुर। पेंशनरों ने नियमित कर्मचारियों की भांति केन्द्र सरकार के अनुरूप सातवें वेतनमान का लाभ देने की मांग की है। पेंशनरों का कहना है कि राज्य निर्माण के बाद से मध्यप्रदेश के साथ पेंशनरों के आर्थिक स्वत्वों का बंटवारा नहीं होने के कारण पेंशनरों को सातवां वेतनमान व महंगाई भत्ता का लाभ नहीं मिल पा रहा है।

भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ के राष्ट्रीय महामंत्री वीरेन्द्र नामदेव व प्रदेश अध्यक्ष जेपी मिश्रा का कहना है कि पेंशनरों के आर्थिक स्वत्वों के मामले में 74 प्रतिशत राशि का भुगतान मध्यप्रदेश और 26 प्रतिशत राशि छत्तीसगढ़ सरकार को वहन करना पड़ता है। दोनों सरकारों के बीच पेंशनर्स पिस रहे हैं।
छत्तीसगढ़ सरकार ने 1 जनवरी, 2016 से सातवां वेतनमान और 1 जनवरी, 2017 से 2 प्रतिशत महंगाई भत्ता देने मध्यप्रदेश सरकार को सहमति पत्र भेजा है, किन्तु अब तक कोई निर्णय न लेने से मामला अधर में लटका है।बैठक में छत्तीसगढ़ राज्य के पेंशनर्स समाज के प्रांताध्यक्ष चेतन भारती, पेंशनर्स एसोसिएशन छत्तीसगढ़ के प्रांताध्यक्ष गंगा प्रसाद साहू, छत्तीसगढ़ प्रगतिशील पेंशनर्स कल्याण संघ के प्रांताध्यक्ष एएन शुक्ला, भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ छत्तीसगढ़ के प्रांताध्यक्ष जेपी मिश्रा शामिल हुए। शीघ्र ही पेंशनर्स मुख्यमंत्री से मिलकर आदेश जारी करने की मांग करेंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed